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वाराणसी: स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग ने विधानसभा में नगर निकायों और प्राधिकरणों की वर्ष 2018-19 की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की है. उसमें भारी वित्तीय अनियमिताएं उजागर की गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी नगर निगम और वीडीए की वर्ष 2016-17 की करोड़ों की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं.
नगर निगम में एक करोड़ 67 लाख 57 हजार 258 रुपये तो वीडीए में 20 करोड़ 75 लाख 52 हजार 988 रुपये की गड़बड़ियों का जिक्र है.
नगर निगम के अधिकारियों ने एक ही कार्य के लिये अलग-अलग दर से अर्थ वर्क कटिंग में कार्टेज का 8,41,773 रुपये अधिक भुगतान किया था. वहीं आलोक विभाग में उपकरणों की खरीद के लिए हुआ भुगतान स्टॉक बुक में अंकित नहीं किया गया. यह राशि 13.39,176 रुपये थी. वहीं, विभिन्न ठेकेदारों के बिलों से व्यापार कर की कटौती न करने से 3,88,749 रुपये की राजस्व हानि हुई. देशी-विदेशी शराब की दुकानों से लाइसेंस शुल्क न मिलने के कारण 37 लाख 41 हजार रुपये से अधिक की नगर निगम को आर्थिक क्षति हुई.
अवस्थापना निधि का हुआ दुरुपयोग रिपोर्ट के अनुसार वीडीए के अफसरों ने पालन अवस्थापना निधि से अन्य मदों पर 20 करोड़ 39 लाख 7 हजार रुपये खर्च करके घोर अनियमितताएं कीं. स्वीकृत कार्य में बचत दिखाते हुए बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के 8 लाख 78 हजार रुपये से अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया. वीडीए अधिकारियों के बिटुमिन के प्रयोग में अनियितताओं का सत्यापन न होने से 3 लाख 72 हजार 512 रुपये की वित्तीय गड़बड़ी सामने आईं.
1. दोनों विभागों में मनमाने ढंग से किए गए लगभग 22 करोड़ के भुगतान, एक ही काम के लिए अलग-अलग दर से पेमेेंट करने में नहीं हुआ संकोच
2. वीडीए के अधिकारियों ने बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के 8.78 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर पहुंचाई आर्थिक चोट