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34वें दीक्षांत समारोह में पदक पाकर खिले टॉपर्स के चेहरे
मेरठ: दहेज के कारण हजारों लड़कियां आत्महत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि इतनी होनहार बेटियां हमारे यहां हैं, लेकिन एक सच यह भी है कि 2017 से 2018 तक 35 हजार 900 महिलाओं ने दहेज के लिए आत्महत्या की है। इसको रोकने के लिए पुलिस और जनप्रति निधि आगे आए और गांव देहात में हो रहे बाल विवाह को रुकवाएं। पुलिस को आगा आना होगा यह न कहे कि हमारे पास कोई एप्लीकेशन नहीं आई है।
इसके लिए विवि और उससे संबंधित कॉलेज भी गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाए। यह बात गुुरुवार को चौधरी चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में 34वें दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कही। कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, पद्म श्री डॉ. जेके बजाज और विवि कुलपति प्रो. संंगीता शुक्ला के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर किया। उसके पश्चात विवि कुलपति द्वारा राज्यपाल व मुख्य अतिथि का तुलसी का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया।
वहीं, जल भरो कार्यक्रम को लेकर राज्यपाल ने कहा कि आज कई ऐसे राज्य है जहां पानी की कमी है ऐसे में जल संचय पर ध्यान देना जरुरी हो गया है। विवि को भी इस पर ध्यान देना होगा। कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्राओं को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम में आने से इनमें गोल्ड मेडल पाने का भाव आएगा। राजभवन में सभी विवि के कार्य परिषद और विद्वत परिषद के लोगों को बुलाया था,
हमने उनसे सुझाव मांगे थे जो सही लगे उनको जल्द ही विवि को भेज दिया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि जिन लोगों के पास आवास नहीं थे, उस परिवार को प्रधानमंत्री आवास मिलने से क्या लाभ हुआ इसका किसी आंकलन किया। कुपोषित बच्चों को लेकर क्या किसी ने स्टडी की। स्वच्छ जल घर-घर जाने से क्या हुआ, बीमारी घटी क्या। इन सभी पर विवि योजना बनाकर छात्रों से प्रोजेक्ट तैयार कराए।
198 छात्रों को मिले 225 स्वर्ण पदक: विवि के दीक्षांत समारोह में इस वर्ष 198 छात्रों को 225 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। वहीं एक लाख 31 हजार 193 उपाधियां अनुमोदित की गई। पदक पाने वालों में 70 प्रतिशत छात्राएं तो 30 प्रतिशत छात्र रहे। वहीं 234 को पीएचडी की उपाधि मिली। एक कुलाधिपति स्वर्ण पदक, एक राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक, दो चौधरी चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार, 59 प्रायोजित स्वर्ण पदक, 165 कुलपति स्वर्ण पदक दिए गए। इनके अलावा वर्ष 2021 के प्रायोजित मेडल भी दिए गए। 44 छात्र-छात्राओं की पीएचडी उपाधि पर भी मुहर लगी।
30 फीसदी मेडल पाने वाले बेटों को दी विशेष बधाई: राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में लड़कियों को 70 प्रतिशत मेडल मिलने पर कहा कि ये बहुत खुशी की बात हैं, लेकिन जिन 30 फीसदी छात्रों ने पदक पाए हैं, उन्हें विशेष बधाई है। उन्होंने कहा कि ये अवार्ड इन्होंने नहीं लिया होता तो सारे मेडल ही बेटियां ले जाती। उन्होंने कहा कि मैं अपेक्षा करती हूं अगले साल यह 50-50 प्रतिशत रहे।
मगर कही ऐसा न हो जाए कि अगले साल लड़की 90 फीसदी और 10 फीसदी लड़के रह जाए। अपने बारे में बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि एक समय था जब मैने कॉलेज में एडमिशन लिया तो एक हजार छात्रों के बीच में अकेली थी। आज बेटियां बहुुत आगे बढ़ गई है। महात्मा गांधी कहते थे लड़की पढ़ती है तो सात पीढ़ी तर जाती है।
स्क्रीन लगाकर किया गया लाइव प्रसारण: विवि की ओर से इसबार स्क्रीन लगाकर दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण विवि के यू-ट्यूब चैनल पर दिखाया गया। जिसको देश-विदेश में बैठे लोगों ने लाइव देखा।
स्क्रीन पर दिखाया गया विवि का इतिहास: दीक्षांत समारोह को इस वर्ष और अधिक भव्य बनाया गया। जिसके तहत विवि के इतिहास को डॉक्यूमेंट्री के जरिए स्क्रीन पर दिखाया गया। इसमें विवि के सफर को बयां किया गया। इतना ही नहीं प्रेक्षागृह के प्रवेश द्वार पर इस बार फोटो गैलरी लगाई गई।
पानी का महत्व बताते हुए इस वर्ष जल भरो कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 25 छात्राओं को कुलाधिपति किट दी गई।
10 साल का रोडमैप करें तैयार: सभी विवि से राज्यपाल ने आह्वान किया कि वह 10 साल का रोडमैप तैयार करें। ताकि पता चल सकें कि आप विवि को कहा पहुंचाना चाहते है। इसके लिए डॉक्यूमेंट तैयार कर काम में जुट जाए। उन्होंने कहा कि इससे निश्चित ही विवि आगे बढ़ेगा और ग्लोबल रूप से दुनिया के अन्य विवि को जानने और आॅनलाइन शिक्षा जैसी चीजें शुरु हो सकेंगी। सभी राज्य विवि कुलपति अन्य देशों के एंबेसडर से मिलकर वहां की शिक्षा प्रणाली को जानें और बच्चों को जानकारी दें।