उत्तर प्रदेश

लापरवाही की हद, बरेली के स्‍कूल में 5 साल की बच्‍ची को बंद कर चला गया स्‍टाफ, जानें फिर...

Renuka Sahu
6 Aug 2022 3:34 AM GMT
The extent of negligence, the staff went after closing a 5-year-old girl in Bareillys school, know again...
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फाइल फोटो 

एक हफ्ते पहले ही हाथरस के एक स्‍कूल में दूसरी कक्षा के छात्र को बंद कर चले जाने के मामले में 10 शिक्षकों को सस्‍पेंड कर दिया गया था।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक हफ्ते पहले ही हाथरस के एक स्‍कूल में दूसरी कक्षा के छात्र को बंद कर चले जाने के मामले में 10 शिक्षकों को सस्‍पेंड कर दिया गया था। अब बरेली के एक स्‍कूल में लापरवाही का ऐसा ही एक मामला सामने आया है। वहां निबड़िया कंपोजिट स्कूल परिसर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में शुक्रवार को एक बच्ची को स्टाफ बंद करके चला गया।

बच्ची को खोजते हुए परिजन दो घंटे बाद कंपोजिट स्कूल पहुंचे। वहां बंद कमरे में से उन्हें बच्ची के कराहने की आवाज सुनाई दी। परिजनों ने किसी तरह उसे बाहर निकाला और लापरवाही का आरोप लगाते हुए बीईओ से शिकायत की। बीईओ ने कंपोजिट स्कूल की प्रधानाध्यापिका निर्मला देवी से स्पष्टीकरण तलब किया है।
फतेहगंज पूर्वी के निबड़िया गांव में प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र एक ही परिसर में है। गांव के संजीव मिश्रा का बेटा वंश प्राइमरी स्कूल में कक्षा एक का छात्र और पांच वर्षीय बेटी निहारिका आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ती है। संजीव ने बताया कि शुक्रवार को छुट्टी होने के बाद वंश आ गया, पर डेढ़ बजे तक जब निहारिका घर नहीं पहुंची तो दादी फूलमती स्कूल पहुंची।
उस वक्त स्कूल का स्टाफ ताला डालकर निकल रहा था। शिक्षकों ने बच्चे के स्कूल में न होने की जानकारी दी। घर लौट कर फूलमती ने बेटे को बताया। गांव में दो घंटे तक तलाशने के बाद जब बच्ची नहीं मिली तो पिता कंपोजिट स्कूल पहुंचे। वहां कमरे में से बच्ची के कराहने की आवाज सुनी।
सो गई थी निहारिका
संजीव मिश्रा ने बताया कि जब वे स्कूल पहुंचे तो बच्ची कराह रही थी। दरवाजा ठेलकर अंदर घुसे तो बच्ची की हालत दयनीय थी। वह बेसुध पड़ी कराह रही थी। उन्होंने बताया कि बच्ची स्कूल में सो गई थी, लेकिन किसी ने उसपर ध्यान नहीं दिया।
कंपोजिट स्कूल में स्टाफ की लापरवाही से मासूम निहारिका की जान संकट में पड़ गई। पिता का कहना है कि दो घंटे तक वे गांव में बच्ची को तलाशते रहे जब वह नहीं मिली तो दोबारा स्कूल जाने का निर्णय लिया। वहां स्कूल की दीवार फांदकर अंदर घुसे तो बंद कमरे से बच्ची के कराहने की आवाज सुनाई दी। उनके होश उड़ गए। किसी तरह दरवाजा ठेल कर खोला और बच्ची को बाहर लेकर आए। उसकी हालत खराब थी और वह डरी हुई थी। चिकित्सक से उसका इलाज कराया गया।
फतेहगंज पूर्वी के निबड़यिा गांव में प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र एक ही परिसर में चलता है। केंद्र में संगीता देवी एवं सहायिका कुसमा देवी तैनात हैं। बच्ची की दादी फूलमती ने बताया कि जब वे स्कूल पहुंची तो स्टाफ के लोग ताला बंद कर जा रहे थे। उन्होंने बच्ची के बारे में पूंछा तो उन्होंने कहा कि स्कूल तो बंद हो गया है। अंदर कोई नहीं है। बच्ची गांव में ही कहीं होगी, अभी घर पहुंच जाएगी। इस पर दादी घर आ गई और बेटे संजीव को पूरी बात बताई।
मामले में परिजनों ने बीईओ शशांक शेखर मिश्रा से शिकायत की। बीईओ शशांक शेखर मिश्रा ने बताया कि प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण तलब किया है। बच्ची को कक्ष में बंद करना घोर लापरवाही है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे। सीडीपीओ रामगोपाल वर्मा का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र 12 बजे बंद हो जाता है। इस मामले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से जवाब तलब कर कार्रवाई की जाएगी।
Renuka Sahu

Renuka Sahu

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