उत्तर प्रदेश

परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने नियमों की अनदेखी कर 29 वाहनों पर कार्रवाई की

Admindelhi1
29 April 2024 5:03 AM GMT
परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने नियमों की अनदेखी कर 29 वाहनों पर कार्रवाई की
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कई वाहनों में अग्निशमन यंत्र भी नहीं मिले.

नोएडा: परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने निमयों की अनदेखी कर स्कूली बच्चों को ढो रहे 29 वाहनों पर कार्रवाई की. सभी के चालान काटे गए. कई वाहनों में अग्निशमन यंत्र भी नहीं मिले.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे ई-रिक्शा और ऑटो में सफर करते हैं. इसका कारण सभी रूट पर स्कूल बस का न चलना और इनकी तुलना में ई-रिक्शा और ऑटो का किराया सस्ता होना है. ई-रिक्शा में चार लोगों के बैठने की जगह होती है, लेकिन स्कूली बच्चों को ले जाते समय ई-रिक्शा चालक इन पर अधिक बच्चों को बैठाते हैं. यही नहीं चालक अपनी सीट के दोनों तरफ भी बच्चों को बैठा लेते हैं. यही हाल ऑटो रिक्शा का भी है. ऐसे में यह वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं.

एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडे ने कहा कि ऑटो और ई-रिक्शा किसी भी दृष्टि से बच्चों के सफर के लिए सुरक्षित नहीं हैं. यह दोनों तरफ से खुले होते हैं, इस कारण बच्चे गिर सकते हैं. इनमें सीट बेल्ट और ग्रिल समेत सुरक्षा के अन्य उपकरण भी नहीं होते हैं. क्षमता से अधिक बच्चों को ढोने के कारण दुर्घटना की संभावना कई गुना अधिक रहती है.

उन्होंने कहा कि स्कूली बस, ऑटो, ई-रिक्शा और वैन समेत 46 वाहनों की जांच की गई. इनमें से 29 वाहनों के चालान किए गए हैं. जांच में बस में प्राथमिक उपचार बॉक्स में दवा न होना और अग्निशमन यंत्र ठीक न होना आदि कमी भी मिली थी. उन्होंने कहा कि न्यूनतम चालान पांच हजार रुपये और एक बस का परमिट न होने के कारण अधिकतम जुर्माना 45 हजार रुपये किया गया है. कुछ चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं थे. स्कूली बच्चों को ढोते पकड़े गए दो ऑटो के परमिट खत्म थे. बच्चों और कुछ वाहनों में उनके अभिभावकों के सवार होने के कारण उन्हें जब्त नहीं किया गया है. हालांकि, अभिभावकों से कहा गया है कि दोबारा यदि इन वाहनों में बच्चे सफर करते मिलेंगे तो इन्हें जब्त कर लिया जाएगा. इस मौके पर एआरटीओ प्रवर्तन विपिन चौधरी, पैसेंजर टैक्स अधिकारी राजेश मोहन मौजूद रहे.

एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडे ने कहा कि ई-रिक्शा, ऑटो और निजी वैन से बच्चों को स्कूल न भेजे. अभिभावक स्कूल बस या स्कूली वाहन में पंजीकृत वैन से अपने बच्चों को भेज सकते हैं. उन्होंने कहा कि जांच अभियान के दौरान अभिभावकों की काउंसलिंग की गई. उन्हें बताया गया कि ई रिक्शा, ऑटो और निजी वैन हादसा ग्रस्त हो सकती हैं. इसलिए ऐसी गलती न करें.

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