उत्तर प्रदेश

अक्षर विहार की जमीन पर कब्जे की फिर होगी जांच, कमिश्नर ने बनाई कमेटी

Admin Delhi 1
26 Feb 2023 7:47 AM GMT
अक्षर विहार की जमीन पर कब्जे की फिर होगी जांच, कमिश्नर ने बनाई कमेटी
x

बरेली: शहर के वीआईपी इलाके में अक्षर विहार तालाब की जलमग्न भूमि को पाटने के बाद दीवार बनाकर अवैध कब्जा कर लिए जाने के मामले में एक बार फिर जांच बैठ गई है। एक शिकायत के बाद कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने तालाब की जमीन और फ्री होल्ड हुई जमीन की जांच के लिए कमेटी गठित की है और उसे 15 दिन के अंदर मौके पर नापजोख के साथ रिकॉर्ड की विस्तृत जांच के रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

कमिश्नर की ओर से जांच कमेटी में एडीएम वित्त एवं राजस्व, अपर नगर आयुक्त, एसडीएम सदर और तहसीलदार सदर को नामित किया है। इन सभी अधिकारियों के पास कमिश्नर की ओर से जारी आदेश पहुंच गया है। अधिकारियों के मुताबिक एडीएम वित्त एवं राजस्व संतोष बहादुर सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायिक कार्यों की वजह से छह दिन से प्रयागराज में रुके हुए हैं।

इसी वजह से जांच कमेटी ने फिलहाल तालाब की भूमि की पैमाइश शुरू नहीं की है। एडीएम के बरेली पहुंचते ही सोमवार या मंगलवार से यह जांच शुरू हो जाएगी। तहसीलदार सदर अनिल कुमार ने बताया कि जांच का आदेश मिला है। जल्द ही जांच शुरू कर दी जाएगी।

कमिश्नर की ओर से जांच का आदेश जारी होने के बाद अक्षर विहार में तालाब की बगल से दीवार खड़ी करने वाले खरीददारों की धड़कनें बढ़ गई हैं। बता दें कि 2021 में 2191 वर्ग मीटर भूमि पर कब्जे के विवाद में खरीदार कोर्ट पहुंचे थे। नगर निगम के अफसरों पर इस मामले में कोर्ट में मजबूत पैरवी न करने का आरोप लगा था। इसी वजह से 2022 में कब्जा मुक्त हुई भूमि नगर निगम के हाथ से फिसल गई थी। बता दें कि नजूल भूमि से संबंधित मामला होने के कारण तालाब का रिकार्ड नगर निगम के पास ही रहता है।

जनवरी 2021 में हंगामे के बीच खाली कराई गई थी 2191 वर्ग मीटर भूमि

फ्री होल्ड हुए दो पट्टों के कागजात की लंबी जांच और कई बार नापजोख के बाद जनवरी 2021 में तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडेय ने बड़ी कार्रवाई की थी। हंगामे के बीच उनके नेतृत्व में तत्कालीन एसडीएम सदर विशु राजा और तहसीलदार आशुतोष गुप्ता ने यहां किए गए कब्जे पर बुलडोजर चलाकर 2191 वर्ग मीटर भूमि को खाली करा लिया गया था।

एसडीएम ने 2191 वर्ग मीटर भूमि खाली कराने के संबंध में तत्कालीन जिलाधिकारी नितीश कुमार को रिपोर्ट भेजी थी। इसमें 1.670 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले अक्षर विहार तालाब के अतिक्रमित क्षेत्रफल 2191 वर्ग मीटर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी होने की बात कही थी। इस रिपोर्ट की कॉपी मंडलायुक्त और नगर आयुक्त को भी भेजी गई थी।

नजूल के साथ तालाब भूमि का कुछ हिस्सा भी कर दिया था फ्री-होल्ड

मॉडल टाउन में रहने वाले हरीश अनेजा के नाम 20 अक्टूबर 2000 को अक्षर विहार तालाब के किनारे 6284 वर्ग मीटर नजूल भूमि का भूखंड फ्री होल्ड हुआ था। जनवरी 2019 में हरीश अनेजा के बेटे परिणय अनेजा और उनके भाई और बहन ने संयुक्त रूप से फ्री होल्ड कराई भूमि 20 लोगों को बेच दी।

भूमि खरीदने वालों में संदीप झाबर समेत शहर के कई बड़े लोग शामिल हैं। सिर्फ 38000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से 6284 वर्ग मीटर भूमि की खरीद दिखाई गई। बाद में आरोप लगा था कि तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने नजूल के साथ तालाब की भूमि का भी कुछ हिस्सा फ्री होल्ड करा दिया था। यह बात वर्ष 2014-15 में तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व एवं वर्तमान में अपर आयुक्त प्रशासन अरुण कुमार की ओर से की गई जांच में भी साफ हुआ था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी। जांच के दौरान फाइल दबा दी गई थी।

Next Story