उत्तर प्रदेश

जल्‍द दिख सकता है मुलाकात का असर ,UP के मंत्री दिनेश खटीक को दी नसीहत

Admin4
21 July 2022 11:35 AM GMT
जल्‍द दिख सकता है मुलाकात का असर ,UP के मंत्री दिनेश खटीक को दी नसीहत
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लखनऊ: योगी सरकार के राज्य मंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) का इस्तीफा वायरल होने के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि खटीक ने बुधवार रात को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर ली है। इस दौरान नड्डा ने उनकी दिक्‍कतों को दूर करने का आश्‍वासन तो दिया ही, साथ ही कई नसीहतें भी दी हैं। माना जा रहा है कि इस मुलाकात का असर जल्द ही दिखाई दे सकता है।

दिनेश खटीक इस्तीफे की खबरों के बीच बुधवार सुबह ही मेरठ से दिल्ली के लिये रवाना हो गए थे। तब से कयास लगाए जा रहा था कि वह जल्द ही बीजेपी आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं। उसी क्रम में योगी सरकार के राज्यमंत्री ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूपी के मौजूदा राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि दिनेश खटीक ने अपनी पूरी बात बीजेपी अध्यक्ष को बता दी है।

खटिक की बीजेपी आलाकमान के साथ हुई इस मुलाकात के दौरान पश्चिमी यूपी के सह संगठन मंत्री कर्मवीर भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा ने दिनेश खटीक से कहा है कि वे सरकार और पार्टी के मसले को पार्टी फोरम में ही उठाये। हालांकि इस मुलाकात की अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है ना ही कोई नेता पर अभी बोलने को तैयार है। लेकिन कहा जा रहा है कि जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद किसी भी समय दिनेश खटीक मीडिया के सामने अपनी बात रख सकते हैं।

मंत्री ने पत्र में बताया इस्तीफा देने का कारण

बता दें कि दिनेश खटीक के इस्तीफे का एक पत्र बुधवार को वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित किया था। पत्र में मंत्री ने अपने विभाग के अफसरों पर तमाम तरह के आरोप लगाए थे। लिखा है कि जलशक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण उनके किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। न ही उन्‍हें सूचना दी जाती है कि विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं और उन पर क्या कार्यवाही हो रही है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि, उत्तर प्रदेश सरकार के अफसर दलितों को अपमान कर रहे हैं। उन्‍होंने सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव अनिल गर्ग को एक मामले को लेकर फोन किया पर उन्‍होंने बात सुने बगैर फोन काट दिया। वह दलित जाति के मंत्री हैं, इसलिए विभाग में उनके साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है।

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