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उत्तर प्रदेश
अपने घर का सपना होगा पूरा, यूपी के शहरों में नई टाउनशिप नीति लाएगा आवास विभाग
Renuka Sahu
28 Aug 2022 2:17 AM GMT
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फाइल फोटो
यूपी के शहरों में हर किसी को मकान मिल सके इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही नई आवासीय नीति लाने पर विचार कर रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी के शहरों में हर किसी को मकान मिल सके इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही नई आवासीय नीति लाने पर विचार कर रही है। सरकार, निजी निवेश से सस्ते घर देने की राह खोलना चाहती है।
उम्मीद है कि आवास विभाग जल्द ही नई टाउनशिप नीति लाएगा। इसमें 10 से 25 एकड़ जमीन वालों को भी मौका दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष जल्द ही इसका प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
सस्ते मकानों की खुलेगी राह
उत्तर प्रदेश में विकास प्राधिकरणों के पास जमीन न होने की वजह से वे आवासीय योजनाएं नहीं ला पा रहे हैं। दूर-दराज क्षेत्रों में जमीन मिलने की वजह से लोग ऐसे स्थानों पर मकान या फ्लैट लेने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इससे अवैध सोसायटियां विकसित हो रही हैं।
आवास विभाग इसीलिए नई टाउनशिप नीति लाने की दिशा में काम कर रहा है। यह नीति पुरानी नीतियों के इतर होगी। इसमें कुछ ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं जिससे कमजोर, निम्न मध्य वर्ग और मध्य वर्ग के लोगों को सस्ती कीमतों पर मकान मिल सके। ईब्ल्यूएस और एलआईजी मकानों की कीमत और आवंटन की नीति शासन स्तर से तय की जाएगी।
चौड़ी रोड पर होंगी योजनाएं
प्रस्तावित नीति के मुताबिक कम से कम 18 मीटर चौड़ी सड़क पर योजनाएं लानी होंगी। विकासकर्ताओं को इसके लिए विकास प्राधिकरणों से लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस लेते वक्त उन्हें बताना होगा कि उनके पास मौजूदा समय कितनी जमीन है और भविष्य में कितनी जमीन लेंगे। जमीन लेने के लिए बार-बार विकासकर्ताओं को समय नहीं दिया जाएगा।
तय समय के अंदर उन्हें योजनाओं का काम पूरा करना होगा। पंजीकरण के समय ही उन्हें बताना होगा कि कितने समय में मौके पर स्थलीय कब्जा दे देंगे। शर्तों का उल्लंघन करने पर विकासकर्ताओं पर जुर्माने का प्रावधान भी नीति में किया जा रहा है।
फेल हो चुकी हैं दो नीतियां
आवास विभाग इसके पहले हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति लेकर आया चुका है। ये दोनों नीतियां फेल हो चुकी हैं। इन नीतियों के तहत लाइसेंस लेते वक्त जो भी शर्तें रखी गई थीं वो पूरी नहीं हुईं। खासकर जमीनों की व्यवस्था अधिकतर विकासकर्ता नहीं कर पाए।
इसके चलते हाईटेक टाउनशिप नीति वर्ष 2010 में बंद कर दी गई और छह बिल्डरों से लाइसेंस वापस ले लिए गए। इसी तरह इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति में वर्ष 2014 से लाइसेंस देना बंद कर दिया गया
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