उत्तर प्रदेश

अवैध निर्माणों की जद में आए नाले, समस्याओं के समाधान को तरसा नौ गलियों में सिमटा वार्ड

Admin Delhi 1
30 Oct 2022 8:35 AM GMT
अवैध निर्माणों की जद में आए नाले, समस्याओं के समाधान को तरसा नौ गलियों में सिमटा वार्ड
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मेरठ न्यूज़: कांच का पुल से सीधे जाने वाले मार्ग के पश्चिम में स्थित नौ गलियों में सिमटे वार्ड-83 में कई समस्याएं बिखरी हुई हैं, जिनके समाधान के लिए नगर निगम समेत जनप्रतिनिधियों की निगाहे-करम का इंतजार यहां के वाशिंदे कर रहे हैं। पूर्व के वार्ड-73 से परिसीमन के बाद बनाए गए इस वार्ड-83 को फखरुद्दीन अली अहमद नगर पश्चिम प्रथम नाम दिया गया है। इस वार्ड में गली नंबर एक से नौ तक रहने वाले करीब 11 हजार मतदाता आते हैं। मुस्लिम बाहुल्य इस नए वार्ड के गठन के बाद पहली बार प्रतिनिधित्व कय्यूम अंसारी कर रहे हैं। उनका दावा है कि वार्ड के प्रमुख नाले समेत सभी गलियों का निर्माण कराते हुए साफ-सफाई, पथ प्रकाश आदि की समस्याओं का समाधान कराया गया है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता भी है, कि यह एक साफ सुथरा वार्ड है, लेकिन इसमें कुछ देर घूमने के बाद नौ प्रमुख गलियों के भीतर कई दर्जन गलियों का जाल बिछा नजर आता है, साथ ही वहां नालों के किनारे लगे कूड़े के ढेर देखकर यह भ्रम टूट जाता है। और कई ऐसी समस्याएं सामने आती हैं, जिनका समाधान जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण नहीं हो पा रहा है। कांच का पुल से शुरू होने वाले इस वार्ड में कई लोगों ने अवैध निर्माण करके नाले को पाट रखा है। जिसके कारण नाले की सफाई से लेकर जलनिकासी तक प्रभावित होती है, लेकिन अवैध निर्माण को हटाने के लिए नगर निगम की ओर से यहां कोई अभियान नहीं चलाया गया है।

नागरिक सेवा समिति से जुड़े वार्ड के निवासी मुन्ना अहमद अली बताते हैं कि वार्ड-83 से सटे वार्ड-88 के नाले में यहां के बहुत से घरों के पानी की निकासी की जाती है, लेकिन इस गली में चल रही अवैध डेयरियों से बहा दिए जाने वाले गोबर के कारण नाला अकसर चोक रहता है। इस नाले को सामने टक्कर पर जाकर एकदम 90 डिग्री के कोण से मोड़ दिया गया है, जिसके कारण इस मोड़ पर आकर तमाम कचरा जमा होकर जलनिकासी को अवरुद्ध कर देता है। शाहिद अंसारी, साजिद अंसारी, मो. आरिफ अंसारी आदि बताते हैं कि वार्ड में सरकारी भूमि पर एक पार्क बनवाने की मांग लंबे समय से नगर निगम से की जाती रही है। लेकिन नगर निगम ने इस पार्क को विकसित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उनका कहना है कि मोहल्ले के लोगों ने स्वयं चंदा करके इस भूमि को मिट्टी डालकर समतल कराने और पौधे लगाकर सौंदर्यीकरण का काम कराया है। हालांकि इसमें नगर निगम ने यह सहयोग किया है कि यहा पड़ने वाले कूड़े को हटवा दिया है। साथ ही एक सबमसर्बिल और पौधे लगवाने में सहयोग किया है। जबकि पार्क में कराए जाने वाले कार्य में विधायक रफीक अंसारी के स्तर से भी सहयोग किए जाने की बात वार्ड के लोग बताते हैं।

इस वार्ड से आगामी चुनाव में पार्षद के लिए ताल ठोंकने की तैयारी कर रहे हाजी आजम अंसारी का कहना है कि वार्ड में जनता की अपेक्षा के अनुसार काम नहीं हो सके हैं। नगर निगम की ओर से दो-तीन गलियों में काम कराया गया है, जबकि विधायक रफीक अंसारी की निधि से अधिकतर गलियों का निर्माण कराया गया है। रिजवान अंसारी भी आने वाले चुनाव में अपनी दावेदारी करते हुए कहते हैं कि वार्ड पार्षद सिर्फ नगर निगम नहीं, बल्कि सांसद निधि तक काम कराने में सक्षम होना चाहिए। 'उनका कहना है कि वार्ड में अस्पताल, बैंक, डाकघर जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं। साफ-सफाई के लिए कहने को वार्ड में 24 कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन कुछ कर्मचारियों को छोड़कर अधिकतर का आगमन वार्ड में गाहे-बगाहे ही होता है। जबकि उनकी उपस्थिति नियमित रूप से दर्शायी जाती है। वार्ड 82-83 के बीच से गुजरने वाली प्रमुख सड़क का जगह जगह से टूटा होना, बिजली के खंभों पर बेतरतीब बिछे तार अव्यवस्था की कहानी बयान करने के लिए काफी है। मुख्य मार्ग पर रईस अंसारी के मकान के बाहर एक खंभा टेढ़ा होकर गिरने की स्थिति में पहुंच चुका है, लेकिन इस और बार-बार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।

पार्षद का कथन: वार्ड-83 के पार्षद कय्यूम अंसारी का कहना है कि उनके कार्यकाल में वार्ड में मुख्य नाला निर्माण से लेकर सभी प्रमुख और भीतरी गलियों का काम हुआ है। इन सबको मिलाया जाए, तो करोड़ों रुपये की लागत से वार्ड में काम कराए जा चुके हैं। मोती वाले पुल से चांद वाले पुल तक और अवस्थापना निधि से निर्माण कार्य कराया गया है। मोती वाले पुल के पास गहरा गड्ढा सही कराते हुए रास्ता बनवाया गया है। साफ-सफाई का काम कराने के लिए यहां एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं था, उन्होंने प्रयास करके 24 सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था कराई है। इस समय भी नगर निगम की ओर से प्रमुख और भीतरी कई गलियों में निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।

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