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बरेली न्यूज़: 71 साल के बाद नगर निगम ने नाले के ऊपर अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की है. पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण सिंघल द्वारा बनाई गई मार्केट के आगे का हिस्सा नाले के ऊपर था. अपर नगरायुक्त अजीत कुमार सिंह और मुख्य अभियंता भूपेश कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम पुराने रोडवेज के सामने बनी मार्केट पर पहुंची. नाले के ऊपर अतिक्रमण हटाने के लिए जैसे ही बुलडोजर आगे किया, दुकानदारों ने विरोध कर दिया. अधिवक्ता को बुला लिया गया, जेसीबी के आगे खड़े हो गए. मगर अधिकारी नहीं माने और दुकानों के बाहर टीनशेड, नाले के ऊपर पक्के निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया.
बरसात से पहले शहर के नालों की सफाई कराने का दावा किया जा रहा है. नॉवेल्टी चौराहे से पुराने रोडवेज के सामने बनी सिंघल इलेक्ट्रोनिक मार्केट के कुछ हिस्सा नाले पर बना है. 22 से 24 दुकानें नालों के ऊपर बनी हैं. निगम के अफसरों ने दुकानदारों से नालों पर हुए अतिक्रमणों को खुद हटा लेने को कहा था. जब अतिक्रमण नहीं हटा तो नगर निगम की टीम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची. दुकानदारों ने नाले पर स्लैब डाल कर उस पर अवैध कब्जा कर लिया और दुकान का शटर आगे लगा लिया था.
हो रहा था चौड़ीकरण, कुछ ने कर दी थी शिकायत नॉवल्टी चौराहे से बरेली कॉलेज की ओर रोडवेज बस अड्डे के सामने मार्केट है. पिछले दिनों इस मार्केट के दुकानदारों की दुकानें टैक्स जमा नहीं करने पर सील कर दी गई थीं. सिफारिश और टैक्स का कुछ हिस्सा जमा करने पर दुकानें तो खुल गईं लेकिन दुकानदारों के बीच मनमुटाव हो गया था. कुछ ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर कर दी. स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सड़क और फुटपाथ का चौड़ीकरण किया जा रहा है. सड़क निर्माण करने के बाद फुटपाथ का काम शुरू कर दिया.
दुकानदारों को सप्ताह भर की मोहलत दी थी. इसके बाद भी उन्होंने नाले के ऊपर से पक्का अतिक्रमण नहीं हटाया था. बारिश से पहले जल निकासी की व्यवस्था को बेहतर करना है. इसलिए नालों के ऊपर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो रही है.
- अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त
दुकानदार बोले- मनमानी कर रहा नगर निगम
नगर निगम ने जैसे की बुलडोजर लगाकर अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की तभी दुकानदार इकट्ठा हो गए. उनका कहना है कि सिंघल मार्केट 1952 में पूर्व पालिका अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण सिंघल द्वारा बनवाई गई थी. मार्केट के ऊपर अजंता होटल है. हर दूसरी तीसरी दुकान के नीचे सेप्टिक टैंक बना हुआ है. जिसके पानी की निकासी के लिए होटल के नीचे दुकानों के आगे नाला बना हुआ है. यह नाला तीन जगह पर सीवर लाइन से जुड़ा हुआ है. नगर निगम द्वारा जो पैमाईश की गई वो 2012 में बने कोतवाली के पिछले द्वार से की गई जो की सिटी मैप में दर्शित नहीं है. जबकि सिटी मैप में मौजूद कोतवाली की बाउंड्री वॉल या फिर सड़क की दूसरी तरफ कब्रिस्तान की दीवार से पैमाईश करने पर माप बिल्कुल ठीक बैठता है.