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पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ के ऐतिहासिक औघड़नाथ मंदिर (Augarnath Temple Meerut) में शिवरात्रि को लेकर विशेष रूप से तैयारियां की गई हैं
पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ के ऐतिहासिक औघड़नाथ मंदिर (Augarnath Temple Meerut) में शिवरात्रि को लेकर विशेष रूप से तैयारियां की गई हैं, जिससे मंदिर परिसर में आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो.एक तरफ जहां सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है. वहीं दूसरी ओर भक्तों को गंगाजल उपलब्ध रहे इसके लिए गंगाजल की भी विशेष रूप से व्यवस्था की गई है,ताकि भक्त विधि विधान के साथ भोले बाबा की पूजा अर्चना कर सकें.
औघड़नाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ महेश कुमार बंसल ने बताया कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु भोले बाबा का जलाभिषेक करने के लिए हर साल यहां आते हैं.ऐसे में भक्तों के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की गई है.जहां सुबह चार बजे बाबा औघड़दानी की आरती की जाएगी.उसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए जाएंगे.वही शाम 6:30 बजे के बाद चतुर्दशी लग जाएगी.जिसके बाद कांवरिया भोले बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे.इसलिए मंदिर के कपाट दिन रात भक्तों के लिए खुले रहेंगे.
इस तरह करें भोले बाबा की पूजा अर्चना
मंदिर के पुजारी पंडित शारंग दत्त त्रिपाठी ने कहा कि भोले बाबा की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की जानी चाहिए.भोले बाबा का जलाभिषेक करते समय ओम नमः शिवाय का जाप करते रहना चाहिए.यह मंत्र ऐसा है जिससे भोले बाबा प्रसन्न होते हैं.इतना ही नहीं दूध, जल अर्पित करते समय मन में श्रद्धा भाव होना चाहिए.
किस समय होगी भोले बाबा की आरती
बताते चलें कि मंदिर में चार पहर की आरती की जाएगी.सुबह की आरती 4:00 बजे होगी.औघड़नाथ मंदिर में भोले बाबा की आरती इस प्रकार की जाती है.
जय शिव ओंकारा, ओम जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय शिव
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ओम जय शिव
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥ ओम जय शिव
अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी।चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥ ओम जय शिव
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ओम जय शिव
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ओम जय शिव
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।प्रणवाक्षर ते मध्ये ये तीनों एका॥ ओम जय शिव
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥ ओम जय शिव
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे।कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥ ओम जय शिव ओमकारा..
Tagsमेरठ

Ritisha Jaiswal
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