उत्तर प्रदेश

दहकते सूरज से धान की नर्सरी पर संकट

Admin Delhi 1
19 Jun 2023 7:12 AM GMT
दहकते सूरज से धान की नर्सरी पर संकट
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प्रतापगढ़ न्यूज़: बेतहाशा बढ़ता तापमान धान की नर्सरी डालने वाले किसानों के लिए मुश्किल बढ़ाता जा रहा है. जमाव के लिए तापमान सामान्य से करीब 13 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया है. इतना ही नहीं रात का तापमान भी सामान्य से अधिक जा रहा है. ऐसे में बढ़ते तापमान में धान की नर्सरी का जमाव व विकास दोनों के प्रभावित होने का खतरा है. हालांकि बढ़े तापमान में भी सावधानी को अपनाकर किसान धान की नर्सरी को बचा सकते हैं.

जिले में धान की खेती करीब एक लाख हेक्टेअर में की जानी है. इसके लिए 6186 हेक्टेअर में धान की नर्सरी डाली जा रही है. देखा जाए तो किसानों ने धान की नर्सरी डालने की शुरुआत मई के दूसरे सप्ताह से तेज कर दी थी. मौजूदा समय में 50 फीसदी किसानों ने नर्सरी डाल दी है. मुश्किल यह है कि जून माह की शुरुआत होते ही रात व दिन का तापमान बेहद अधिक हो गया. सामान्य तौर पर नर्सरी के बेहतर जमाव व विकास के लिए अधिकतम 30 तो न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए. मई के आखिरी सप्ताह से अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब जा पहुंचा. इतना ही नहीं रात का तापमान भी 32 डिग्री सेल्सियस से रहा. मौजूदा समय में देखा जाए तो अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम पारा 32 डिग्री सेल्सियस पहुंचा है. नर्सरी के लिहाज से देखा जाए तो दिन का तापमान सामान्य से 13 तो रात का 12 डिग्री सेल्सियस अधिक है. ऐसे में नर्सरी डालने पर उसका अंकुर गर्म पानी में उबलकर नष्ट हो जाएगा. शायद यही वजह भी है कि अधिकतर किसान धान की नर्सरी डालने से बच रहे हैं. इसके अलावा पहले से डाली गई नर्सरी की पौध को बढ़े तापमान में सहेजना भी किसानों के लिए चुनौती बन गया है. सही देखभाल न होने पर नर्सरी की पौध के खराब होने की आशंका है.

इन सावधानियों को अपनाकर कर सकते हैं बचाव

नर्सरी डालने से पहले तीन से चार दिन तक उसमें शाम को पानी भरें और सुबह खाली कर दें. इस तरह से जमीन ठंडी हो जाएगी. इस दौरान बीज को उपचारित करने के बाद गीले कपड़े या बोरे से ढककर उसका अंकुरण कराएं. इसके लिए बीज को नमी के साथ जमीन पर फैला दिया जाता है. अंकुरण होने के बाद शाम को नर्सरी डालें और उसमें पानी भर दें. दूसरे दिन सुबह खेत के पानी को खाली कर दें. यह प्रक्रिया सात से 10 दिन तक किसानों को अपनानी होगी. ऐसा करने से बढ़े तापमान में भी नर्सरी का समुचित अंकुरण व विकास होगा.

मिट्टी से दो गुना हो जाता है पानी का तापमान

मौजूदा समय में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस है. इतने तापमान में नर्सरी के खेत में जमा पानी तेज धूप की वजह से 65 डिग्री सेल्सियस से अधिक पर पहुंच जाएगा. सामान्य तौर पर नर्सरी को 30 से 35 डिग्री सेल्सियस ही तापमान चाहिए. इससे अधिक होने पर उसके अंकुर उबलकर नष्ट हो जाते हैं. रात का तापमान भी 32 डिग्री सेल्सियस है जिससे पानी का पारा 45 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है. देखा जाए तो दोनों ही हालात में नर्सरी के अंकुरण को लेकर खतरा है.

सूरज की तपिश के चलते ही अब तक 50 फीसदी धान की नर्सरी डाली गई है. बहुत से किसान पानी का इंतजार कर रहे हैं. जिनके पास पानी की व्यवस्था है वे किसान खेत को भरकर शाम को नर्सरी डालें. सुबह होने पर पानी को बाहर कर दें. पहले से नर्सरी डालने वाले भी पौध की देखरेख के लिए प्रतिदिन शाम को हल्की सिंचाई करें. पानी अधिक हो जाने पर उसे सुबह बाहर कर दें. इससे नुकसान से बचा जा सकता है.

डॉ.अश्वनी कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी प्रतापगढ़.

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