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अदालत ने गैंगरेप और जानलेवा हमले के दोषियों को ताउम्र कैद की सजा सुनाई
वाराणसी: अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम आलोक द्विवेदी की कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म, जानलेवा हमले के आरोप में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने मामले में जेठवारा के विकास यादव व साहिल उर्फ अमित यादव को आजीवन कारावास (जो उसके शेष प्राकृतिक जीवन काल तक) प्रत्येक को पचास-पचास हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. अर्थदंड की राशि एक लाख रुपये पीड़िता को उसके आर्थिक, चिकित्सकीय के लिए प्रदान की जाएगी.
वादी मुकदमा के अनुसार उसकी बेटी (पीड़िता) थाना जेठवारा में अपनी नानी के घर रहकर पढ़ाई करती थी. वह कक्षा 10 की छात्रा थी. तीन जुलाई की शाम वादी के मोबाइल पर सूचना मिली कि उसकी बेटी के साथ अप्रिय घटना घटित हुई है. वह जब अपने ससुराल पहुंची तो देखा कि उसकी बेटी पीड़िता का गला किसी
धारदार हथियार से रेता गया था. हाथ में भी घाव के निशान थे. अस्पताल इलाज के पश्चात पीड़िता ने होश में आने पर आपबीती बताई. पीड़िता ने न्यायालय में बताया कि 2 जुलाई को वह घर में अकेली थी, उसकी नानी का पैर टूट गया था. रात को घर का दरवाजा बंद करके वह सो रही थी. तभी आरोपित विकास और अमित छत के रास्ते उसके कमरे में आ गए. दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. उसके बाद आरोपित विकास ने चाकू से गला काटने का प्रयास किया. उच्च न्यायालय की ओर से उक्त मामले में निर्देशित किया गया था कि जिलाजज प्रगति की समीक्षा करें. कोर्ट में इस मामले में राज्य की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक देवेश चंद्र त्रिपाठी व अशोक त्रिपाठी ने की.