- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- कोर्ट ने 10 हजार रुपये...
उत्तर प्रदेश
कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया FIR कराकर बयानों से मुकरने वाले नंदलाल को साढ़े तीन साल की सजा
Apurva Srivastav
31 May 2022 7:05 PM GMT
x
कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया FIR कराकर बयानों से मुकरने वाले नंदलाल को साढ़े तीन साल की सजा
पीयूष गौर/नोएडा: देश के बहुचर्चित निठारी कांड में पहली एफआईआर दर्ज कराने के बाद अपने बयानों से मुकरने वाले मृतका के पिता नंदलाल के केस में गाजियाबाद कोर्ट ने मंगलवार (31 मई) को नंदलाल को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने नन्दलाल पर 10 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है. 27 मई को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नंदलाल को दोषी करार दिया था. ACJM कोर्ट-3 ने धारा 193/199 IPC में लाल को दोषी माना था. नंदलाल को IPC सेक्शन-193 और 199 में 3.5-3.5 साल कैद की सजा सुनाई है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. नंदलाल 27 मई से न्यायायिक हिरासत में था.
कोर्ट में बदले थे बयान
6 जुलाई 2007 को नन्दलाल ने कोर्ट में ब्यान दिया कि मोनिन्दर सिंह पंधेर ने मेरे सामने सभी हत्याओं करने का जुर्म कबूल किया था और मेरे सामने ही पंधेर व सुरेन्द्र कोली ने हत्याओं में इस्तेमाल आरी बरामद की थी.इन ब्यानों के आधार पर नन्दलाल ने ही पंधेर को हत्या का अतिरिक्त आरोपी भी बनवाया, लेकिन इसके बाद नन्दलाल पंधेर को बचाने के लिए 15 नवम्बर 2007 को बयानों से मुकर गया और नये बयान दिये कि पंधेर ने न तो मेरे सामने आरी बरामद करायी और न ही हत्यायें किये जाने का जुर्म ही कबूल किया था और मैने पहले वाला ब्यान अपने वकील खालिद खान के कहने पर दिया था.
बयान से मुकरने पर हुआ था मामला दर्ज
नंदलाल द्वारा बयान बदलने के मामले में संज्ञान लेकर तत्कालीन सीबीआई न्यायाधीश रमा जैन ने वादी बनकर नंदलाल के खिलाफ कोर्ट में बयान देकर मुकरने का मामला IPC सेक्शन 193 के तहत कोर्ट में दर्ज कराया था.
Apurva Srivastav
Next Story