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बड़ी खबर
लखनऊ। लखनऊ नगर निगम का समापन सत्र उम्मीदों के मुताबिक ही हंगामे और आरोपों के बीच समाप्त हो गया। विपक्षी पार्षदो के अलावा भाजपाई पार्षद भी इस मौके पर नगर निगम प्रशासन को घेरते नजÞर आए। लगभग सभी पार्षदो ने एक स्वर से सड़कों के गड्ढे,जलभराव,गंदे पानी और सफाई कर्मियों की कमी को लेकर नगर निगम प्रशासन की मौजूदा कार्यशैली पर गम्भीर सवाल उठाये। वहीं,कई भाजपाई पार्षदो में दलीप कुमार श्रीवास्तव,रूपाली गुप्ता,संतोष कुमार राय ने चलते सदन के बीच में उठकर कहा कि न आपने खुद पांच साल कोई काम किया न हमें करने दिया अब हम किस मुंह से अपने वार्ड की जनता के पास दोबारा वोट मांगने जाएगे। इस दौरान विपक्षी पार्षदों में कांग्रेस की ममता चौधरी,सपा के सैयद यावर हुसैन रेशू और कांग्रेस पार्षद अमित कुमार के अलाावा अन्य पार्षदो ने सभी मुद्दों पर मुखर होकर अपनी बात रखी और सदन से कई समस्याओं पर फैसला लेने को मजबूर कर दिया। सदन में महापौर संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह व अभय कुमार पांडेय शोर-शाराबे के बीच असहज बैठे नजर आते रहे।
रविदास के आरोपों ने बढ़ाई सदन की गर्मी…
नगर निगम सदन की चलती बैठक में स्थानीय सपा विधायक रविदास मल्होत्रा का मौजूद होना शुरू से ही किसी घटना क्रम का संकेत दे रहा था लेकिन जब रविदास मल्होत्रा ने लगातार पैसे की कमी का रोना रो रहे लखनऊ नगर निगम प्रशासन पर गुजरात की तीन कम्पनियों को करोड़ो रुपए देकर नगर निगम कर्मचारियों के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया तो त्रिलोकीनाथ हाल में भूचाल सा आ गया। मामला पारपीट तक पहुंचने से किसी तरह रोका गया। लेकिन जेल यात्रा में विश्व कीर्तिमान बनाने वाले विधायक रविदास मल्होत्रा अपनी बात पूरी करने पर अड़े रहे।रविदास ने सदन को बताया कि एक तरफ लखनऊ महानगर की सफाई की जिम्मेदारी आजादी के बाद से आज तक निभा रहे सफाईकर्मियों के परिवार लगातार वेतन कटौती के कारण भूखे मरने की कगार पर है।
कई सफाईकर्मी आन्दोलन करते-करते दुनिया से जा चुके हैं,दूसरी तरफ लखनऊ की जनता से वसूला जाने वाला भारी भरकम धन गुजरात की तीन कम्पनियों के खाते में डाला जा रहा है और इन कम्पनियों की अवैध कारगुजारियों का कोई हिसाब-किताब लेने वाला नहीं। रविदास ने इस फजीर्वाड़े के पूरे कानूनी सुबुत अपने पास मौजूद होने की बात भी कही। रविदास ने यह भी कहा कि लखनऊ नगर निगम ने 88 गांवों को अपने कार्यक्षेत्र में जोड़ लिया है जिसकी आबादी करीब ढाई लाख हैं लेकिन इन सभी गांवों में किसी भी तरह की सुविधाएं नागरिको को नहीं मिल रही हैं। आगे कहा कि पूरे शहर की सड़के टूटी पड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि 15 नवम्बर तक शहर की सभी सड़कें गड्ढामुक्त हो जायेगी लेकिन आज तक नहीं हुई और एक और तारीख मिल गई कि अब 30 नवम्बर तक सड़कें गड्ढामुक्त होंगी। सफाईकर्मचारियों की भारी कमी है और उस पर सदन में कहा जा रहा है कि साढ़े चार सौ कर्मचारी ज्यादा इससे बड़ी शर्म की बात और क्या होगी।
सफाई कर्मचारियों की संख्या में कमी सबसे बड़ा मुद्दा
नगर निगम के इस समापन सदन में शुरूआत से सबसे ज्यादा हंगामा जिस मुद्दे पर हुआ उसमें सफाईकर्मियों की 25 प्रतिशत कटौती का रहा जोकि पूरे सदन में दिनभर गूंजता रहा। वहीं,इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्षी पार्षद एक साथ खड़े नजर आये और लगातार सफाईकर्मचारियों की वापसी की मांग करते रहे।
नजर नहीं आए कई विवादित पार्षद
अमीनाबाद पार्क की नगर निगम जमीन पर कुख्यात भूमाफिया अपराधी अशोक पाठक द्वारा कब्जे के समय चुप्पी साधे रहे सपा पार्षद शफीकुर्रमान से लेकर लेवाना होटल अग्निकांड के समय उठे सवालों को लेकर चर्चा में आए भाजपा पार्षद नागेन्द्र सिंह चौहान जैसे कई चेहरे सदन की समापन बैठक में कहीं नजर नहीं आए।
सदन में लिये गये कई अहम फैसले
नगर निगम सदन में पार्षदो के भारी विरोध के बाद दो बड़े फैसले लिये गये जिनमें पहला राजधानी में 25 प्रतिशत सफाईकर्मियों की कटौती में 15 प्रतिशत सफाई कर्मियों की वापसी और दूसरा ईको ग्रीन कम्पनी को चुनावों के बाद हटाने का फै सला सदन की अध्यक्ष महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा लिया गया।
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