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हिंसा के आरोपियों से संपत्ति के नुकसान की लागत वसूल की जाएगी

पिछले महीने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की जिसके विरोध में पूरे देश सहित कई इस्लामिक देशों में आपत्ति जताई गई बाद में सरकार को नूपुर शर्मा को सस्पेंड करना पड़ा। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि वो ऐसे हिंसक प्रदर्शनकारियों से सरकारी संपत्तियों से हुए नुकसान की भरपाई करवाएगी। आपको बता दें कि कानपुर और प्रयागराज में नूपुर शर्मा के बयान के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए थे जिसमें काफी सरकारी और निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ था।
उत्तर प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, 'हिंसा में शामिल लोगों से संपत्तियों के हरजाने की वसूली की जाएगी।' इन हिंसक आंदोलनों में हुए नुकसान का ब्योरा जुटाने में जिला प्रशासन, पुलिस की टीमें और कई सरकारी विभागों ने काम शुरू कर दिया है, जिन विभागों का नुकसान हुआ है उनसे भी इसका ब्योरा मांगा गया है। इसके अलावा जनता भी इस दौरान हुए नुकसान के बारे में जानकारी दे सकती है इस बात का भी एनाउंसमेंट किया गया है। राज्य सरकार एक नए कानून के तहत इन आरोपियों से वसूली करेगी – उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट 2020 के तहत ये वसूली की जाएगी।
प्रयागराज में जिला प्रशासन ने बताया 40 लाख का नुकसान
सूत्रों ने बताया कि पुलिस और नगर निगम सहित कुछ सरकारी विभागों ने प्रयागराज जिला प्रशासन को हिंसा प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान का विवरण भेजा है इसके मुताबिक उनका कुल अनुमान 40 लाख रूपये है। प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार खत्री ने बताया, "कुछ विभागों ने अभी तक अपने नुकसान का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है।" वहीं कानपुर पुलिस ने बताया कि अभी वो कानपुर में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान का आंकलन कर रही है। सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर दिए गये हैं। कानपुर के संयुक्त आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा, 'मुझे उन रिकॉर्डों की जांच करनी है जिन्होंने अभी तक रिपोर्ट जमा नहीं की है।'
अल्पसंख्यक समूहों ने किया था बंद का ऐलान
जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने एक ट्रिब्यूनल में जाने का फैसला किया है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि कथित रूप से नुकसान में शामिल आरोपियों को वसूली की नोटिस जारी किया जाए। आपको बता दें कि 3 जून को, कानपुर जिले के कई हिस्सों में हिंसक झड़पें और पत्थरबाजी हुई थीं। इसके पीछे अल्पसंख्यक समूहों ने बंद का ऐलान किया था और जबरदस्ती व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करवाने की कोशिश की थी। इस दौरान दो गुट आपस में भिड़ गए और एक दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया था।
कानपुर और प्रयागराज में हिंसक झड़पें
हिंसक झड़प और पत्थरबाजी के बाद पुलिस की टीम ने वहां पहुंचकर भीड़ को हटाने के लिए बल प्रयोग किया और स्थिति पर काबू पाया। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। इस मामले में कानपुर पुलिस ने अब तक 57 लोगों को गिरफ्तार किया है और हिंसा में शामिल 40 संदिग्धों की तस्वीरें भी जारी की हैं। वहीं प्रयागराज में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रयागराज के करेली और खुल्दाबाद इलाकों में पुलिस टीमों पर इन प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया और पथराव किया। प्रयागराज पुलिस ने अब तक 92 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने 59 संदिग्धों के पोस्टर भी जारी किए हैं और उनके बारे में जनता से जानकारी मांगी है.