उत्तर प्रदेश

नौनिहाल के हाथों में तमंचे की नाल, माता-पिता को नहीं ख्याल

Admin Delhi 1
22 Jan 2023 10:22 AM GMT
नौनिहाल के हाथों में तमंचे की नाल, माता-पिता को नहीं ख्याल
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मेरठ: हर माता-पिता का सपना होता है कि वह अपने नौनिहालों को अच्छे से पढ़ा लिखाकर एक काबिल इंसान बनाकर उसे ऊंचाई के उस पायदान पर पहुंचा दे। जहां से उसका जीवन के भविष्य का पथ उन्नति की ओर चल पड़े, लेकिन हकीकत अब इससे इतर है। उम्र के शुरु आती दौर की आजकल की ये पीढ़ी, जब से ओटीटी प्रचलन में आया है। तभी से इनमें नशा और प्रेमसंबंधों के प्रति रुझान बढ़ा है, यहां तक तो ठीक है,

लेकिन प्रेम संबंधों में बदला लेना एक अपराधिक व्यवहार है। जिसके चलते इन नौनिहालों के हाथों में किताबें पैन की जगह तमंचे पिस्टलों ने अपनी पैंठ बनाई है। यही वजह है कि आये दिन कालेज और स्कू लों में गर्ल्स फ्रेन्डस व वर्चस्व को लेकर छात्रों के बीच खूनखराबा और हत्याओं जैसे वीभत्स अपराधों की बढ़ोतरी हुई है। जिसे परिवार और समाज को समझने की जरूरत है।

केस-1

अप्रैल 13 की बात है। जब एमआईईटी के इंजीनियरींग छात्र निखिल तोमर की चाकू मारकर बेरहमी से हत्या कर दी। मामला कालेज के ही छात्रों के बीच का ही था।

केस-2

गंगानगर थाना क्षेत्र स्थित आईआईएमटी कालेज में 29 दिसम्बर को एक छात्र ने तमंचा लेकर सरेआम फायरिंग की थी। हालांकि फायरिंग में कोई गंभीर घटना नहीं हो पाई थी। पुलिस ने बाद में उस छात्र को पकड़कर जेल भेज दिया था।

केस-3

13 जनवरी को मवाना में एक सिरफिरे ने 11 वंी की छात्रा को एक तरफा प्यार में गोली मार दी थी। बस के अंदर युवक ने सरेआम वारदात को अंजाम दिया था। हालांकि पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया था। युवक छात्रा को जबरन प्रपोज कर रहा था। लेकिन छात्रा ने प्रपोज को स्वीकार नहीं किया था।

केस-4

14 जनवरी को मेरठ कालेज के दो छात्र गुटों के बीच बेगमबाग में संघर्ष हुआ था। जिसमें एक छात्र गंभीर रुप से घायल हो गया था। वहीं अगले दिन कालेज में फिर से छात्रों के गुट के बीच जमकर गोलीबारी हुई। जिसमें पुलिस ने 14 छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की।

केस-5

टीपी नगर थाना क्षेत्र में कार सवार युवक एक नौवीं के छात्र को कोचिंग से उठाकर ले गये। उसकी जमकर पिटाई की और उसे मारपीट कर घायल कर दिया। छात्र का कसूर इतना था कि उसने कोचिंग में एक छात्रा से बात कर ली थी। जिसकी शिकायत के बाद युवकों ने छात्र को मारपीट कर घायल क र दिया था।

केस-6

19 जनवरी को मेडिकल के सोमदत्त विहार में बीएससी के छात्र की हत्या कर दी गई। मामला एक लड़की को लेकर दो छात्रों के बीच का था। जिसमें एक छात्र का लड़की से प्रेमप्रसंग था। जबकि कालेज का एक छात्र उसे प्रपोज कर रहा था। जिसको लेकर दोनों गुट आमने सामने आ गए। जिसमें छात्र कार्तिक की हत्या कर दी गई थी।

केस-7

एक अक्टूबर वर्ष 2022 को डीएन इंटर कालेज में ब्रहमपुरी निवासी एक छात्र बैग में तमंचा लेकर स्कूल पहुंचा, लेकिन चेकिंग के दौरान टीचर्स ने तमंचा बरामद कर छात्र को पुलिस को सौंप दिया था।

केस-8

गंगानगर थाना क्षेत्र स्थित एक स्कूल में एक छात्र तमंचा लेकर पहुंच गया। स्कूल स्टॉफ ने चेकिंग के दौरान छात्र के बैग से तमंचा बरामद कर पुलिस को सूचना दी।

आज ज्यादतर बच्चों में रिलेशनशीप होना एक स्टेटस सिंबल माना जाता है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि उन्हें न तो परिवार में और न ही घर में रिलेशनशीप मैनेजमेंट लाइव स्किल सिखाया जाता है। जोकि उनमें कंही न कंही मिसिंग होता है। जिस वजह से ज्यादतर युवक रिलेशनशीप मे जाते तो हैं, चाहे वह लड़के हो ंया लड़कियां हो। लेकिन उनको कैसे मैनेज करना है या कंही ब्रेकअप की कंडीशन आ जाती है। तो उन्हें कैसे रिएक्ट करना है।

कुछ पता नहीं होता। वे घर में शेयर नहीं करते। शिक्षक इस विषय में बात नहीं करते या पहले से ही इन बातों से परेशान होते हैं। दोस्त या तो गलत तरीके के रिएक्शन को करने के लिए प्रवोक करते हैं , या फिर वह इस पर कोई प्रतिक्रिया ही नहीं देते। फिल्मों में आज बदला लेने की प्रवत्ति ज्यादा दिखाई जाती है। जोकि इस तरीके के व्यवहार के लिए प्रेरणा का काम करती है, और तब युवा इस तरीके की घटनाओं को अंजाम देते हैं।

पेरेंटस के लिए यह जरुरी है कि आपके बच्चों की पढ़ाई का रिजल्ट कुछ समय से कम होने लगा है, उनका अब आपसे संपर्क या बातचीत कम हो गया है। वे अब आपसे कम बातें करते हैं। छोटी छोटी बातों पर खीझने लगते हैं। मुख्यत जब किसी अन्य लड़की या लड़के की बात हो तो चुप हो जाते हैं या फिर ओवर रिएक्ट करते हैं तो आपको सजग होने की जरुरत है।

यदि आपको लगता है कि आपका बेटा या बेटी ऐसी कोई रिलेशनशीप में है तो वक्त की जरुरत को समझें ओर उसे स्वीकार करें। वह जमाना चला गया कि जब पेरेंटस अपने बच्चों को डांट फटकार कर के या पीटकर के चीजों रोक लिया करते थे। क्योंकि आज ज्यादतर युवा पर इस तरीके से लगाम नहीं लगा सकते चूंकि यह एक शारीरिक और स्वाभाविक प्रक्रिया है। तो बेहतर यह है आप अपने बच्चों के यह समझायें कि अगर वे किसी रिलेशनशीप में जाना चाहते हैं तो कैसे सही इंसान पहचानें कि रिश्ते में क्यों जाना है।

इसका आकलंन करें कभी ऐसी स्थिति पैदा होती है कि सामने वाला उनके अनुरुप व्यवहार नहीं कर रहा है। या बे्रकअप की स्थिति आती है। तो फिर उनको उस स्थिति से कैसे निपटना है। अगर इन बातों पर माता पिता अपने बच्चों खुल कर बात करें और स्थिति को पहचानना व उससे निपटना सिखा दें तो शायद उनको उनके पीछे जाने की जरुरत ही नहीं होंगी। तब ऐसी स्थिति में आत्महत्या या बदले में मर्डर जैसी घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।

तब युवा को पता होगा कि उनको रिलेशनशीप में कहां खत्म करना है। उनक ा खत्म होता भी है। और अपने आप को कैसे संभालना है जो कि हम लाइव स्किल्स के रुप में समझते हैं। जो स्कूलों में भी सिखाया जा सकता है। और हम भी सिखा सकते हैं।

-प्रो संजय कुमार , अध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ एवं आॅनरेरी प्रेसीडेंट,मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया

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