उत्तर प्रदेश

जून से शुरू होगा अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण कार्य, सीएम योगी रखेंगे पहली शिला

Renuka Sahu
25 May 2022 2:00 AM GMT
The construction work of the sanctum sanctorum of Ram temple in Ayodhya will start from June, CM Yogi will lay the first stone
x

फाइल फोटो 

रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का महनीय अभियान निर्णायक चरण में पहुंच चुका है और एक जून से वह समय शुरू होने वाला है, जब एक-एक शिला संयोजित होने के साथ मंदिर निर्माण का चिर स्वप्न साकार होगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का महनीय अभियान निर्णायक चरण में पहुंच चुका है और एक जून से वह समय शुरू होने वाला है, जब एक-एक शिला संयोजित होने के साथ मंदिर निर्माण का चिर स्वप्न साकार होगा। एक जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गर्भगृह के निर्माण का शुभारंभ करेंगे।

अब निर्माण में वे शिलाएं प्रयुक्त होंगीं, जिन्हें 1991 से ही निर्धारित माडल के अनुरूप तराशा जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के अनुसार मंदिर निर्माण का 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। गर्भगृह का निर्माण भी सीएम योगी आदित्यनाथ के पूजन के साथ ही प्रारंभ हो जाएगा।
नौ नवंबर 2019 को रामलला के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के कुछ माह बाद से ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भव्य मंदिर निर्माण की दिशा में सक्रिय हुआ। लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) को निर्माण के लिए अनुबंधित किया गया। इस संस्था को मंदिर और परकोटा (प्राचीर) के निर्माण का ठेका दिया गया। एक अन्य प्रतिष्ठित संस्था टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स (टीसीई) को परियोजना प्रबंधन सलाहकार की भूमिका में अनुबंधित किया गया।
पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य के मंदिर के लिए रामलला के गर्भगृह स्थल पर पूजा की। 15 जनवरी 2021 से शुरू मलबा-मिट्टी खनन ढाई माह तक चला। तब यह स्थल विशाल खदान की तरह दिखता था। गर्भगृह में 14 मीटर की गहराई और उसके चारों ओर 12 मीटर की गहराई तक खनन किया गया।
चेन्नई आइआइटी के प्रोफेसरों ने इस विशाल गड्ढे को भरने के लिए विशेष इंजीनियरिंग मिश्रण डिजाइन का सुझाव दिया। इस सुझाव के अनुरूप परत दर परत विशेष रूप से तैयार कंक्रीट डाली गई। इसे पूरा होने में लगभग छह महीने लगे। सितंबर 2021 में नींव की भराई पूरी होने के बाद यह स्थल विशाल मानव निर्मित चट्टान की तरह सामने आया। इसके ऊपर 1.5 मीटर मोटी सेल्फ-कांपैक्टेड कंक्रीट भी ढाली गई।
जनवरी 2022 में नींव के ऊपर की परत तैयार होने के बाद प्लिंथ का काम शुरू किया गया। मंदिर के चबूतरे को ऊंचा करने का कार्य 24 जनवरी, 2022 को शुरू हुआ और यह अभी भी प्रगति पर है। प्लिंथ को 6.5 मीटर की ऊंचाई तक उठाया जाएगा। प्लिंथ को ऊंचा करने के लिए कर्नाटक और तेलंगाना के ग्रेनाइट पत्थर के ब्लाक का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक ब्लाक की लंबाई पांच फीट, चौड़ाई 2.5 फीट और ऊंचाई तीन फीट है। इस प्लिंथ कार्य में लगभग 17 हजार ग्रेनाइट के ब्लाक का उपयोग होना है।
सितंबर, 2022 के अंत तक प्लिंथ को ऊंचा करने का काम पूरा होना है। इस बीच एक जून से गर्भगृह में और उसके आसपास नक्काशीदार बलुआ पत्थरों की स्थापना शुरू हो जाएगी। प्लिंथ का काम और नक्काशीदार पत्थरों की स्थापना एक साथ जारी रहेगी
Next Story