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रुदौली विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड मवई अंतर्गत स्थित सिपहिया में जिस आईटीआई कॉलेज का निर्माण 2018 में ही पूर्ण होना था, वहां शिक्षण-प्रशिक्षण शुरू होना तो दूर, अभी तक आईटीआई भवन ही मुकम्मली नहीं हो सका है। आईटीआई के निर्माण कार्य के लिए सिपाहिया गांव में 3 एकड़ भूमि 2016 में दी गयी थी। इसके लिए 9.93 लाख रुपये भी स्वीकृत हुए थे। लेकिन कार्यदायी संस्था की लापरवाही के चलते आईटीआई योजना स्वीकृति के छह साल बाद भी वास्तविक स्वरूप नहीं ले सकी।
मालूम हो कि अल्पसंख्यक विभाग से मल्टी सेक्ट्रोल डेवलपमेंट योजना के तहत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा रुदौली विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड मवई अंतर्गत सिपाहीया गांव में आईटीआई कॉलेज का निर्माण होना था। कार्यदाई संस्था ने उसे 2018 में ही पूर्ण करके उस में शिक्षण कार्य प्रारंभ कर देने को दावा किया था। लेकिन आज भी आईटीआई के निर्माण का कार्य यूं ही पड़ा है। अब स्थिति यह है कि आईटीआई की जमीन पर झाड़ी झंकाड़ हो गया है प्लास्टर हो हो गया है। कहीं बीम अधूरी पड़ी हुई है तो कहीं दीवाल नीचे फर्श भी नहीं लग पाई है।
सिपहिया गांव निवासी फरहान हुसैन ने बताया कि रुदौली विधायक रामचंद्र यादव ने 31 दिसंबर 2021 को यह आश्वासन दिया था कि एक साल में कार्य पूर्ण हो जायेगा। लेकिन 1 साल बीतने को है अभी तक निर्माण पूरा नहीं हुआ है। युवा संदीप कुमार ने बताया कि अगर यह निर्माण कर पूर्व हो गया होता तो हम लोग जो दूर शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं।
समर पाल यादव ने बताया कि इस आईटीआई कॉलेज के निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने एवं शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्य शुरू हो जाता तो क्षेत्र की बहन बेटियों एवं भाइयों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए किसी को दूर नहीं जाना पड़ता। वही इस बारे में रुदौली विधायक रामचंद्र यादव ने बताया कि उन्होंने इस मामले को विधानसभा में उठाया था लेकिन जिस कार्यदाई संस्था ने निर्माण कार्य कराने का ठेका लिया था उसको सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया। जिसके कारण निर्माण कार्य नहीं पूर्ण हो सका और इसमें बजट की भी कमी हो गई है। अब सरकार नई कंपनी को जब जिम्मेदारी सौपेगी तब ही निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar