उत्तर प्रदेश

हालत गंभीर चीख तक न सकी, आवारा कुत्‍तों के हमले में दिव्‍यांग बच्‍ची जख्‍मी

Admin4
26 July 2022 10:43 AM GMT
हालत गंभीर चीख तक न सकी, आवारा कुत्‍तों के हमले में दिव्‍यांग बच्‍ची जख्‍मी
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आगरा: यूपी में हाल ही में आवारा कुत्‍तों के हमलों (agra dog attack) की कई घटनाएं आई हैं। सोमवार सुबह नोएडा में गाजियाबाद की एसडीएम गुंजा सिंह को एक आवारा कुत्ते ने काट लिया। आगरा से तो और दर्दनाक खबर सामने आई है। आवारा कुत्‍तों के झुंड ने एक 10 साल की मूकबधिर बच्‍ची (agra dog attack girl) को गंभीर रूप से घायल कर दिया। बच्‍ची के शरीर पर इतने घाव हैं कि उसकी 3 घंटे तक सर्जरी चलती रही, अभी भी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बच्‍ची के इलाज का खर्च फिलहाल डॉक्‍टर उठा रहे हैं लेकिन उन्‍होंने समाजसेवियों से आगे आने की अपील की है।

यह घटना आगरा के दहतोरा क्षेत्र में हुई। 10 साल की गुंजन मूक बाधिर है। वह अपनी नानी के घर रहती है। कुछ साल पहले उसकी मां का निधन हो चुका है और पिता बीमार रहते हैं। सोमवार सुबह गुंजन अपने घर से बाहर निकली, घर से कुछ ही दूरी पर आवारा कुत्तों ने गुंजन को घेरकर उस पर हमला बोल दिया।

एक साथ कई कुत्तों ने गुंजन को काटना शुरू कर दिया। वह बोल नहीं पाती है इसलिए शोर नहीं मचा सकी। काफी देर तक कुत्ते उसे काटते रहे। उसके सिर से लेकर पांव तक कुत्तों ने घाव कर दिए। गुंजन के दिखाई न देने पर कुछ देर बाद परिजन आए। उन्होंने गुंजन को खून से लथपथ देखा। उसके शरीर पर कुत्ते के काटने के निशान थे।वह जमीन पर बेहोश हालत में पड़ी थी। सुबह करीब 9.30 बजे उसे बेहोश हालात में जिला अस्पताल लाया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है।

शरीर पर हैं 40 से 50 घाव

मासूम बच्ची के शरीर पर 40 से 50 घाव हैं। चिकित्सकों के बताया कि जब उसे अस्पताल लाया गया था तो उसके शरीर से खून बह रहा था। उसके सिर पर 8 से 10 बड़े घाव थे। जिला अस्पताल के सर्जन डॉ धर्मवीर सिंह ने बताया कि बच्ची के दोनों बाजुओं और पैरों को कुत्तों ने बुरी तरह से जख्‍मी किया है। उसकी छाती और पेट को छोड़कर शरीर के हर हिस्से पर घाव हैं। जख्मों को सिलने में ढाई से तीन घंटे तक समय लग गया था। दोपहर एक बजे तक ऑपरेशन चलता रहा।

चिकित्साधिकारियों ने अरेंज कीं दवाएं

जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ अशोक अग्रवाल ने बताया कि बच्ची के इलाज में काफी दवाएं बाजार से मंगाई गई थी जो कि कीमती थीं। बच्ची के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ही बच्ची के इलाज की व्यवस्था की। कई इंजेक्शन हजारों रुपए के थे। उन्होंने समाजसेवियों से अपील की है कि बालिका की मदद के लिए आगे आएं। (रिपोर्ट: सुनील साकेत)

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