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निकाय चुनाव को लेकर आयोग ने वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण की कार्यवाही शुरू की
लखनऊ न्यूज़: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नगरीय निकायों के चुनाव के सम्बंध में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की स्थिति के बाबत गठित आयोग की रिपोर्ट अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी जाएगी.
सरकार को पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से इन चुनावों को आयोग की संस्तुतियों के आधार पर करवाए जाने की अनुमति मिल जाएगी. 11 अप्रैल को होने वाली सुनवाई के और सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अप्रैल के तीसरे सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम घोषित किये जाने के आसार हैं. आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार भी तीन चरणों में यह चुनाव करवाए जाने की तैयारी की जा रही है. अप्रैल के दूसरे पखवारे से लेकर मई के पहले पखवारे के बीच तीन चरणों में नगरीय निकाय चुनाव करवाए जा सकते हैं. इस बार यह चुनाव 17 नगर निगमों,200 नगर पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतों यानी कुल 762 नगरीय निकायों में करवाए जाएंगे. बताते चलें कि इन चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट के संक्षिप्त पुनरीक्षण की कार्यवाही शुरु कर दी है.
निकाय चुनाव में भी भाजपा से गठबंधन चाहते हैं सहयोगी दल: लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के प्रमुख छोटे दल निकाय चुनाव के माध्यम से अपनी ताकत दिखाने की तैयारियों में जुटे हैं. सरकार में सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी निकाय चुनाव में भी भाजपा के साथ गठबंधन चाहते हैं. इसके लिए बातचीत का दौर चल रहा है. वहीं सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अकेले अपने दम पर निकाय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.
अकेले चुनाव मैदान में जाएगी सुभासपा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि निकाय चुनाव में वह शहरी क्षेत्रों में बड़ी पार्टी की ताकत का अहसास सभी दलों को कराएंगे. पार्टी अपने दम पर अधिक से अधिक निकायों में चुनाव लड़ेगी. इसके लिए बूथ स्तर तक तैयारियां की गई हैं. पार्टी की निगाहें छोटे निकायों (नगर पंचायतों) की अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने की है. पिछले चुनाव में पार्टी को छह नगर पंचायतों में जीत मिली थी. नगर निगम, और नगर पालिका परिषदों में कई पार्षद व सदस्य भी चुनाव जीते थे.
मछुआ बहुल सीटों पर है निषाद पार्टी की दावेदारी:
निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद का कहना है कि मछुआ बाहुल्य सीटों के संबंध में उनकी भाजपा के शीर्ष नेताओं से बातचीत हुई है. पार्टी गठबंधन के तहत ही निकाय चुनाव लड़ेगी. पार्टी के केंद्र में वह निकाय होंगे जो मछुआ बाहुल्य हैं. वहां भी यह देखा जाएगा कि पार्टी का कार्यकर्ता चुनाव लड़ने और जीतने की स्थिति में है.
अद (एस) की प्राथमिकता गठबंधन कर चुनाव लड़ना
भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) की कोशिश भी भाजपा से गठबंधन के तहत निकाय चुनाव में जाने की है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरबी सिंह पटेल का कहना है कि पार्टी की पहली प्राथमिकता गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की है. गठबंधन नहीं होने की स्थिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करेंगी कि इस चुनाव में पार्टी कैसे जाए.