उत्तर प्रदेश

भारत हस्तशिल्प महोत्सव में चढ़ा पंजाब के भांगड़ा का रंग

Shantanu Roy
6 Dec 2022 12:18 PM GMT
भारत हस्तशिल्प महोत्सव में चढ़ा पंजाब के भांगड़ा का रंग
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लखनऊ। भारत हस्तशिल्प महोत्सव की छठी सांस्कृतिक संध्या में सोमवार को पंजाब के लोक नृत्य भांगड़ा का रंग चढ़ा। लखनऊ के आशियाना स्थित कांशीराम स्मृति उपवन में प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट की ओर से महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व डी. सी. पी. पूर्वी हृदयेश कुमार और विशिष्ट अतिथि सुधीर कुमार कुशवाहा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सन्ध्या का शुभारम्भ काशवी, कौशिकी, हर्षा, आरोही, विभूति, प्रियंका, शीतल, पलक और प्रशस्ति के शास्त्रीय नृत्य कथक से हुआ। इसी क्रम में अलमाईटी चिल्ड्रेन अकादमी के छात्र- छात्राओं ने गीत नृत्य की सरिता प्रवाहित की। इस प्रस्तुति के उपरान्त जैसनेर, अक्षिता, अनुषा सहित अन्य नृत्यांगनाओं ने देश भक्ति गीत देश मेरा रंगीला रंगीला पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर लोगों में देशप्रेम की भावना जागृत की।
इस प्रस्तुति के बाद शेखर, अनुज, अनमोल, नमन, स्वाति, सृष्टि, ऐश और अर्चना ने पंजाबी भांगड़ा नृत्य को प्रस्तुत कर दर्शकों को अपने साथ खूब नचाया। इसके उपरान्त अवियांश, अथर्व, काव्या, जिज्ञासा, तेजस्वनी, समाया, कृष्णा, सारिया और शारवी ने बॉलीवुड नृत्य की मनोरम छटा बिखेरी। लोक गायिका अल्पना महरोत्रा ने अपनी खनकती हुई आवाज में अवधी लोकगीत बिन्दीया का रंग उड़ा जाए, सैयां मिले लरकैयां मै का करू, माने न पायलिया शोर करे और हमरी अटरिया पे आ जा रे सांवरिया को सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। इस अवसर पर गुंजित ने अपनी सुमधुर आवाज में गजलों की सुरभि से श्रोताओं को सुरभित किया। महोत्सव मे चारु काव्यांगन की ओर से कवि सम्मेलन भी आयोजित हुआ। डॉ. अजय प्रसून की अध्यक्षता में कवि जय शंकर मिश्र, डॉ. रेनू द्विवेदी, श्रीश चन्द्र दीक्षित, डॉ. शिव मंगल सिंह मंगल, विनोद कुमार द्विवेदी, सिद्धेश्वर शुक्ल क्रांति ,डॉ अनिल मिश्र, कुँवर कुसुमेश ,कमल किशोर भावुक, अशोक अवस्थी, सरोज बाला सोनी सहित अन्य कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। कार्यकम का संचालन सम्पूर्ण शुक्ला और अरविन्द सक्सेना ने किया।

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