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मेरठ: मेरठ शहर से निकलने वाले सीवरेज से अगले दो साल में बड़ी राहत मिलेगी. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत कमालपुर में 220 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का अनुबंध हो गया है.
सांसद राजेन्द्र अग्रवाल और मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने जल निगम, नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अधिकारियों के साथ कमालपुर में एसटीपी के निर्माण स्थल और पुराने 75 एमएलडी के प्लांट का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि विश्व बैंक के सहयोग से केन्द्र सरकार ने मेरठ के सीवरेज को लेकर 220 एमएलडी के प्लांट को मंजूरी दी है. इसके तहत ई-टेंडरिंग के आधार पर जीए इंफ्रा को एसटीपी के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है. कंपनी के साथ अनुबंध हो चुका है. करीब छह हेक्टेयर जमीन एसटीपी के लिए उपलब्ध कराई गई है. नवंबर-दिसंबर में कंपनी की ओर से निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा.
काली नदी को मिलेगा नया जीवन
अधिकारियों का कहना है कि 220 एमएलडी के नये एसटीपी से जहां काली नदी को नया जीवन मिलेगा तो लोगों को नालों की दुर्गंध से भी मुक्ति मिलेगी. आने वाले करीब 24 महीनों के भीतर नया एसटीपी प्लांट ऑपरेट हो जाएगा. अभी आबू नाला-1, 2 और ओडियन नाले का पानी बिना शोधन के काली नदी में जा रहा है. लेकिन 220 एमएलडी का एसटीपी प्लांट लग जाने के बाद नालों के पानी को शोधित करके ही उसे काली नदी में डाला जाएगा.