- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- बंदरों की दहशत से...
x
पढ़े पूरी खबर
इटावा। बंदरों की दहशत से नन्हे-मुन्ने बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। बस्ती के लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। घर से बाहर निकलना जोखिम भरा साबित हो रहा है। बंदर अब तक 50 से अधिक लोगों को जख्मी कर चुके हैं। रिश्तेदारों, शुभचिंतकों, परिचितों को काल करके सलाह दी जाती है कि वे बस्ती में न आएं। आएं तो पूरी सतर्कता और पुख्ता इंतजाम करके। यह दहशत भरा माहौल है सुंदरपुर, कन्हैयानगर में।
तीन दिन पहले रविवार सुबह मंदिर से पूजा करके बाहर निकली वृद्ध शीतला श्रीवास्तव पर बंदर ने हमला कर घायल कर दिया। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, उनकी हालत गंभीर है। बुधवार को ज्ञानदीप इंटर कालेज के पास दुकान पर बैठी महिला पर बंदरों ने हमला कर घायल कर दिया, उसको भी अस्पताल ले जाया गया। ये दोनों हालिया घटनाएं हैं जबकि बंदरों के हमले कुछ महीनों से जारी हैं। क्षेत्र में कई बंदर आक्रामक हो गए हैं, वे अक्सर इंसानों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर रहे हैं। विगत सप्ताह एक महिला अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने जा रही थी, बंदरों ने महिला और बच्चे को हमला कर गंभीर घायल कर दिया।
सुंदरपुर, कन्हैया नगर में विगत 15 दिनों से आक्रामक बंदरों का शिकार होने वालों में अमिता गुप्ता, फूलन देवी, अनामिका, मनीष कुमार, पीयूष, कृष्णा, शिवा, विजय प्रताप, ज्योति, पूजा सहित कई महिलाएं पुरुष, युवक और युवतियां हैं। ये बंदर सुंदरपुर मोड़ से भाजपा कार्यालय होते हुए हाईवे तक बने तीन मैरिज होम एवं खाली प्लाटों में खड़े पेड़ पौधों के ऊपर घात लगाए बैठे रहते हैं। जैसे ही मौका मिलता है, हमला कर देते हैं। बहरहाल सुंदरपुर, कन्हैया नगर और आसपास की बस्तियों में विवेक विहार, जयभारत कालोनी के लोगों में दहशत का माहौल इस कदर है कि बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए अभिभावक नहीं जा पाते हैं।
बंदर न सिर्फ लोगों को जख्मी कर रहे हैं बल्कि घरों की छतों पर पानी की टंकियों, सूख रहे कपड़ों आदि को क्षति पहुंचाकर आर्थिक मार भी दे रहे हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इतनी गंभीर समस्या होने के बाद जब वे अधिकारियों के पास जाते हैं तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता।वन्य जीव विशेषज्ञ डा. आशीष त्रिपाठी का कहना है कि आबादी के बीच रह रहे बंदरों को जब खाना आसानी से नहीं मिलता तो उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाती है, जिससे वे आक्रामक मुद्रा में आ जाते हैं। ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी का कहना है कि नगर में बंदरों की समस्या के समाधान के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी।
Kajal Dubey
Next Story