उत्तर प्रदेश

शहर की टूटी सड़कें दे रहीं नागरिकों को दर्द, जिम्मेदार बेपरवाह

Admin4
19 Sep 2022 6:09 PM GMT
शहर की टूटी सड़कें दे रहीं नागरिकों को दर्द, जिम्मेदार बेपरवाह
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सड़कों को गड्ढामुक्त करने के सरकार के फरमान को शहर में ही ठेंगा दिखाया जा रहा है। लोकनिर्माण विभाग, नगर निगम की सड़कों की खस्ताहाली लोगों को दर्द दे रही हैं। सामान्य कॉलोनी या मार्गों की बात ही छोड़िए, आला अधिकारियों के आवास और कार्यालयों के पास टूटी सड़कें जिम्मेदारों की नजर इनायत होने का इंतजार कर रही हैं। अमृत विचार की टीम ने शाम को नागरिकों की समस्या की पड़ताल की।
सिविल लाइंस शहर का सबसे पॉश इलाका। इस क्षेत्र में जिले के सेहत विभाग के मुखिया मुख्य चिकित्साधिकारी का कार्यालय है। लेकिन, इनके कार्यालय के गेट से होकर जिला अस्पताल को जानी वाली सड़क छह महीने से टूटी और धंसी है। उनके कार्यालय के गेट की सड़क से होकर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में नागरिक, चिकित्सक और चिकित्साधिकारी आते जाते हैं। इस टूटी सड़क के अगले हिस्से में लगी इंटरलाकिंग ब्रिक्स दो महीने पहले बरसात में अचानक धंस गई। तब से लेकर यह सड़क ऐसे ही पड़ी है, बड़े गड्ढे में केवल मिट्टी डालकर छोड़ दी गई है। लेकिन, इसको बनवाने की न तो संबंधित विभाग के अधिकारियों को फिक्र है और न खुद सीएमओ को उन विभागों के अधिकारियों से बात करने या जिलाधिकारी से कहने की चिंता। वह भी अपनी धुन में रमें हैं। भले ही उनके कार्यालय पर आने वाले फरियादी इस गड्ढे में गिरकर चोटिल होते रहें।
आशियाना फेज प्रथम से होकर रामगंगा विहार के ठीक मोड़ पर सड़क कई महीने से टूटी है। यहां सड़क किनारे पेयजल की पाइपलाइन भी आए दिन क्षतिग्रस्त होती रहती है। जिससे सड़क पर पानी बहता रहता है। मगर इसे ठीक कराने की फिक्र किसी को नहीं है। जबकि इस रास्ते से होकर प्रतिदिन हजारों की संख्या में नागरिक आवाजाही करते हैं। सामने ही एक नर्सिंग होम है जिसमें इलाज कराने के लिए मरीज भी पहुंचते हैं। इससे वह भी दो चार होते रहते हैं। फिर भी किसी को चिंता नहीं है।
मंडल के पांच जिलों के आला अधिकारी मंडलायुक्त आवास के समीप ही मुख्य सड़क किनारे से धंस गई है। थोड़ा आगे चलने पर एक जगह सड़क कार्य के चलते कार्यदायी संस्था ने काटकर छोड़ दिया था। तबसे छह महीने से अधिक समय बीत गया इस कटिंग की गई सड़क के गड्ढे में बड़े-बड़े घास उग आए, लेकिन इसको दुरुस्त कराने की जहमत अब नहीं उठाई गई। न तो कार्यदायी संस्था के ऊपर कार्रवाई ही हुई।
सड़कें टूटी हैं। बरसात में मरम्मत न हो पाने की स्थिति में और खराब हुई हैं। इसमें कुछ सड़कें एमडीए, लोक निर्माण विभाग और नगर निगम की है। बनवाने के लिए टेंडर भी हो चुका है। अब मानसून सीजन अंतिम चरण में है। अक्टूबर में इन सड़कों की मरम्मत हर हाल में कराएंगे, क्योंकि नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना भी जारी होनी है। शैलेंद्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी

न्यूज़क्रेडिट: amritvichar

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