उत्तर प्रदेश

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर अलीगढ़ पहुंचा, देखें तस्वीरें

Admin2
22 Aug 2021 12:19 PM GMT
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर अलीगढ़ पहुंचा, देखें तस्वीरें
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उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को अलीगढ़ के धनीपुर मिनी एयरपोर्ट पहुंचाया गया।



सीएम बनने तक का सफर
कल्याण सिंह साल 1967 में जनसंघ के टिकट पर अतरौली सीट से पहली बार विधानसभा पहुंचे और साल 1980 तक लगातार इसी सीट से जीतते रहे. आगे चलकर जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया और साल 1977 में उत्तर प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनने पर उन्हें राज्य का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. हालांकि साल 1980 के विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह को हार का सामना करना पड़ा था.
भारतीय जनता पार्टी का साल 1980 में जब गठन हुआ तो कल्याण सिंह को पार्टी का प्रदेश महामंत्री बनाया गया. अयोध्या आंदोलन के दौरान उन्होंने गिरफ्तारी देने के साथ ही कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने का काम किया था. इस आंदोलन के दौरान ही उनकी छवि राम-भक्त की हो गई. वे यूपी ही नहीं पूरे देश में लोकप्रिय हो गए. इसीलिए साल 1991 में जब यूपी में पहली बार बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को बनाया गया.
बाबरी विध्वंस की कहानी
पूरे देश में तब मण्डल आयोग के समर्थन और विरोध की लहर थी. वहीं दूसरी ओर अयोध्या में राम-जन्मभूमि के लिए आंदोलन चल रहा था. मुलायम सिंह यादव के यूपी के मुख्यमंत्री रहते हुए 30 अक्टूबर, 1990 को अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाई गई. इस गोलीबारी में कई कारसेवकों की मौत हो गई. बीजेपी ने तब कल्याण सिंह को मुकाबला करने के लिए आगे किया. कल्याण सिंह ने इसे मुद्दा बना दिया. जातिगत समीकरणों से भी पार्टी को फायदा मिला. नतीजा यह हुआ कि कल्याण सिंह 1991 में पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली.
कल्याण सिंह जैसे ही मुख्यमंत्री बने, वे अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ अयोध्या दौरे पर पहुंचे और वहीं पर राम मंदिर निर्माण की शपथ ली. कल्याण सिंह के कार्यकाल में ही वो दिन आया, जब 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दी. मस्जिद गिरते ही कल्याण सिंह ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत में कल्याण सिंह ने कहा, 'बाबरी मस्जिद विध्वंस भगवान की मर्जी थी. मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है. कोई दुख नहीं है. कोई पछतावा नहीं है. ये सरकार राममंदिर के नाम पर बनी थी और उसका मकसद पूरा हुआ. ऐसे में सरकार राम मंदिर के नाम पर कुर्बान. राम मंदिर के लिए एक क्या सैकड़ों सत्ता को ठोकर मार सकता हूं. केंद्र सरकार कभी भी मुझे गिरफ्तार करवा सकती है, क्योंकि मैं ही हूं, जिसने अपनी पार्टी के बड़े उद्देश्य को पूरा किया है.'


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