उत्तर प्रदेश

यूनिफॉर्म सिविल कोड धर्म पर अमल करने में सबसे बड़ी रुकावट: खालिद रशीद

Rani Sahu
16 Jun 2023 3:13 PM GMT
यूनिफॉर्म सिविल कोड धर्म पर अमल करने में सबसे बड़ी रुकावट: खालिद रशीद
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लखनऊ (आईएएनएस)| देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लाने की तैयारियों पर चर्चा हो रही है। इसे लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य और ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी धर्म के मानने वालों को नुकसान पहुंचाने वाला है। ये धर्म पर अमल करने में सबसे बड़ी रुकावट है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने वीडियो जारी कर कहा कि संविधान ने सभी धर्म के मानने वालों को अपने धर्म और संस्कृति पर अमल करने की इजाजत दी है। यूनिफॉर्म सिविल कोड अपने धर्म और संस्कृति पर अमल करने में बड़ी रुकावट बनेगा। मौलाना ने कहा कि सरकार से अपील है कि ऐसा कोई कानून नहीं बनाया जाएगा, जो लोगों के धार्मिक, सामाजिक रीति-रिवाजों और परंपराओं को खत्म कर दे।
उन्होंने कहा कि सिर्फ मुस्लिम समाज के ही पर्सनल लॉ नहीं बल्कि सभी धर्म के मानने वालों के अपने-अपने पर्सनल लॉ हैं। लिहाजा, यूनिफॉर्म सिविल कोड सिर्फ मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है। बल्कि, सभी धर्म के मानने वालों को नुकसान पहुंचाने वाला है। मौलाना ने कहा कि भारत में हर 200 से 300 किमी पर संस्कृति बदल जाती है।
उधर, समाजवादी पार्टी सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने समान नागरिक संहिता का विरोध करते हुए कहा है कि इससे इस देश में केवल नफरत ही फैलेगी। इसके साथ ही सपा सांसद बर्क ने कहा, लोकसभा चुनाव नजदीक है और कुछ राज्यों में भी चुनाव होने वाले हैं। भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। वे यह नहीं कह सकते कि उन्होंने यह काम किया है क्योंकि उन्होंने देश को केवल नफरत की आग में झोंका है।
बता दें कि देश में समान नागरिक संहिता लाने की तैयारी तेज हो गई है। 22वें विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने समान नागरिक संहिता पर आम जनता से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने जनता, सार्वजनिक संस्थान और धार्मिक संस्थानों के अलावा संगठनों के प्रतिनिधियों से एक महीने में इस मुद्दे पर राय मांगी है।
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