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डेयरी संचालकों की मनमानी, सफाई कर्मचारियों की लापरवाही
मेरठ: माधवपुरम में डेयरी संचालकों की मनमानी एवं नगर निगम के कुछ अधिकारी एवं सफाई कर्मचारियों की लापरवाही से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। जिसमें नाले चोक होने व सड़क किनारे डेयरी संचालकों के द्वारा गोबर आदि डालकर वहां पर गंदगी फैला देने से वार्ड के लोग खासे नाराज है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से जल्द समस्या के समाधान की मांग की है, ताकि समय रहते बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
महानगर में वार्ड-48 माधवपुरम में सड़क किनारे खाली पड़ी भूमि पर जलभराव की समस्या बनी हुई हैं। इस जलभराव की समस्या का मुख्य कारण स्थानीय लोग रैपिड ट्रेन की रेल पटरी निर्माण एवं खत्ता रोड नाले के पानी की निकासी माधवपुरम नाले से जोड़ दी गई। वहीं, कुछ डेयरी संचालकों द्वारा सड़क किनारे खाली पड़ी भूमि पर गोबर व कूड़ा करकट डाल दिये जाने एवं सबमर्सिबल के पानी से डेयरी में साफ सफाई के बाद सड़क एवं सड़क किनारे जलभराव की समस्या पैदा होने से माधवपुरम में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम से पूर्व यदि समस्या का समाधान नहीं कराया गया तो दूषित जलभराव व कूड़े के ढेर में मच्छर, मक्खी पैदा होने से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ सकता हैं। माधवपुरम निवासी अमरीश गोस्वामी का कहना है कि खत्ता रोड निवासी नाले के पानी की निकासी माधवपुरम नाले से जोड़ दी गई और रेलवे लाइन निर्माण के कारण नाली व नालों में मिट्टी आ जाने से नाले चोक हो गये हैं, जिसके चलते भी यह समस्या बढ़ी हैं।
सतीश कुमार का कहना है कि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं कराया गया तो बस्ती में भयंकर बीमारी फैलने का खतरा बढ़ सकता हैं। मोनू जैन का कहना है कि कुछ डेयरी संचालक उस जगह गोबर आदि डाल रहे हैं। जिस जगह पर नगर निगम ने गोबर आदि डालने से मना किया था। वार्ड के ही अज्जू पंडित एवं अरुणपाल ने भी जलभराव की समस्या से जल्द ही निजात दिलवाने की मांग की है, ताकि बीमारी फैलने का खतरा न बढ़ सके।
वहीं, इस संबंध में नगर निगम के डा. हरपाल सिंह का कहना है कि करीब 20 दिनों से टीम माधवपुरम में ही चोक नाले एवं नालों की साफ-सफाई के लिये अभियान चलाए हुये हैं। जिसमें करीब नालों से करीब 400 से अधिक डंपर सिल्ट निकलवाई गई हैं। वहीं, डेयरी संचालकों के खिलाफ भी अभियान चलवाया हुआ है।
कई डेयरियों से सबमर्सिबल तक उखड़वाए गये हैं और 5 से 6 डेयरी संचालकों के खिलाफ जुर्माने के रूप में 5-5 लाख रुपये के नोटिस भी जारी किये हुये हैं। यदि उसके बावजूद माधवपुरम में किसी अन्य जगह कोई जलभराव व डेयरी संचालकों द्वारा गोबर आदि डालने की समस्या है तो उसे दिखवाया जायेगा।