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आवंटियों ने आवास विकास परिषद कार्यालय पर दिया धरना
मेरठ: बुधवार को जागृति विहार एक्सटेंशन के सैकड़ों आवंटी अपने आवंटित करो या मरो के सिद्धांत पर अर्थी लेकर भवनों व प्लाटों पर कब्जा हासिल करने जागृति विहार एक्सटेंशन पहुंचे। पूर्व सूचना के बावजूद मौके पर कोई अधिकारी तो नहीं मिला, अलबत्ता आवंटियों और किसानों के बीच टकराव के हालात बन गए। लंबी बहस और तर्क-वितर्क के बीच आवंटी आवास विकास परिषद कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका और अधिकारी कार्यालय से खिसक गए। जिसके बाद आवंटियों ने कार्यालय पर दिन भर धरना दिया।
शाम के समय एसीएम के माध्यम से हुई वार्ता के दौरान डीएम ने शुक्रवार 30 दिसंबर को आवंटियों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया है। बुधवार पूर्वान्ह करीब 11 बजे सैंकड़ों की संख्या में आवंटी जागृति विहार एक्सटेंशन सेक्टर-5 पहुंचे और अपने हिस्से पर कब्जा लेने का प्रयास किया। आवंटियों का कहना है कि उनकी ओर से अपने इस कार्यक्रम की पूर्व सूचना जिलाधिकारी व आवास विकास परिषद मेरठ के शीर्ष अधिकारियों को दी गई थी। उनका कहना है कि इसके बावजूद आवंटियों को मौके पर कोई अधिकारी नहीं मिले, उनका आरोप है कि कॉल करने पर भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।
वहीं, दूसरी ओर सेक्टर-5 में मुआवजे की मांग को लेकर चल रहे धरने में शामिल होने के लिए सैकड़ों की संख्या में किसान आवंटियों के सामने निर्माण का विरोध करने पहुंच गए। उनका कहना था कि आवास विकास के अधिकारी आकर ही आवंटियों को उनके मकान-प्लाट पर कब्जा दिलाएंगे। किसानों का कहना था कि उनका आवंटियों से कोई विवाद नहीं है, लेकिन आवास विकास परिषद के अधिकारियों का मौके पर होना जरूरी है। काफी देर तक चले वाद-विवाद के बाद दोनों पक्षों में तनातनी बढ़ने के कारण आवंटियों ने आवास विकास जाकर अधिकारियों को बुलाकर लाने और अपनी संपत्ति पर कब्जा लेने का निर्णय लिया।
बताया गया है कि आवास विकास कार्यालय पहुंचे आवंटियों को अधीक्षण अभियन्ता राजीव कुमार ने कहा कि वे बिना प्रशासनिक मदद के एक्सटेंशन में नहीं जा सकते। इसके लिए उन्होंने आवंटियें को डीएम से मिलने की सलाह भी दी। उनके इस जवाब को लेकर कुछ आवंटियों की अधिकारियों से नोकझोंक हुई। मामला बढ़ता देख अधीक्षण अभियन्ता राजीव कुमार व अन्य अधिकारी आवास विकास परिषद कार्यालय गाड़ियों में बैठकर निकल लिए। हालांकि इससे आवंटियों में आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने आवास विकास परिषद कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया।
शाम करीब चार बजे एसीएम आवंटियों के बीच पहुंचे । उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी से वातार्लाप कर उक्त प्रकरण की गंभीरता बताई। जिलाधिकारी ने फोन पर आवंटियों से वार्ता की और 30 तारीख को आवंटियों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। आवंटी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि 30 दिसम्बर को जिलाधिकारी से वार्ता के उपरांत आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
अवांटियों के इस अभियान और धरने के दौरान माया प्रकाश, ॠषिपाल, ममता, आराध्या, रजनी कर्दम, सरिता, योगेश राणा, राहुल सक्सेना, धर्मेन्द्र कुमार, संतराम, अनिल सिंह, नटवर लाल कर्दम, शिवकुमार वालिया, मोहित त्यागी, राजेन्द्र कुमार, संजय परमार सहित सैकड़ों आवंटी मौजूद रहे। वहीं, दूसरी ओर किसानों के लंबे समय से चल रहे धरने का नेतृत्व कर रहे भारत कुमार काजीपुर का कहना है कि उनका आवंटियों से कोई विवाद नहीं है।
किसान अपनी जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। इतने लंबे से चल रहे धरने के संबंध में अधिकारियों ने कोई संज्ञान लेकर समाधान का प्रयास नहीं किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले आंदोलन कर रहे किसानों के मुआवजे के बारे में निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद ही आवास विकास परिषद को किसान अपनी भूमि सौंपेंगे।