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आगरा न्यूज़: केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना को एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है. सरकार ने यह फैसला उन शहरों को ध्यान में रखकर किया है जहां काम नहीं हो पाए हैं और बजट खर्च नहीं हो सका है. इस फैसले का आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड को कोई खास लाभ नहीं होने वाला है. दरअसल, आगरा स्मार्ट सिटी पहले बजट खर्च कर चुकी है और लगभग सभी प्रोजेक्ट पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है.
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत आगरा का चयन द्वितीय चरण में 2016 में हुआ था. चयन होने पर आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड ने शहर को विकास के लिए दो तरह के प्रोजेक्ट बनाए थे. इनमें पहला प्रोजेक्ट एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्लान है जिसमें ताजमहल के आसपास के नौ वार्ड, दो गांव और छावनी परिषद के आंशिक क्षेत्र को शामिल किया है. यहां सीवर, सड़क, पानी, बिजली सहित क्षेत्र का संपूर्ण विकास करना है. दूसरी योजना पैन सिटी है. इसके तहत शहर का ट्रैफिक कंट्रोल, सीसीटीवी सर्विलांस, पार्किंग आदि की व्यवस्था करनी है. आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड ने कुल 21 प्रोजेक्ट तैयार किए थे लेकिन टीटीजेड की बंदिशों के चलते तीन प्रोजेक्ट को ड्राप करना पड़ गया. इनमें से कुछ प्रोजेक्ट पूरे करने का दावा किया है.
सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना का कार्यकाल का एक वर्ष बढ़ाया है. इसका लाभ उन शहरों को होगा जिनका बजट खर्च नहीं हुआ है. आगरा में सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं. जो काम चल रहे हैं उनकी स्वीकृत हो चुकी है. केवल मुगल पुलिया के चौड़ीकरण का काम शेष है. शहर में जो काम हुए उनकी मरम्मत उन्हीं कंपनियों को करनी है. इसलिए मरम्मत कार्य चलते रहते हैं.
आरके सिंह, नोडल अधिकारी आगरा स्मार्ट सिटी
नौ वार्डों की प्रमुख योजनाएं
योजना धनराशि (करोड़ में)
● 24 घंटे पेयजल आपूर्ति 142.53
● सीवरेज नेटवर्क 135.35
● फतेहाबाद रोड सौंदर्यीकरण 105.88
● रिहैबिलेशन ऑफ मेजर रोड्स 104.58
● माइनर मेजर रोड्स 162.00
● सोलर इंस्टालेशन प्रोजेक्ट 26.53
● ताज ईस्ट ड्रेन इंप्रूवमेंट 26.09
पैन सिटी प्रोजेक्ट
योजना धनराशि (करोड़ में)
● कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम 282.65
● इलेक्ट्रीकल बस 180.00
● बस शेल्टर आन पीपीपी मोड 20.00
सवालों के घेरे में हैं स्मार्ट सिटी के काम
आगरा स्मार्ट सिटी सवालों के घेरे में हैं. छावनी क्षेत्र के विधायक जीएस धर्मेश भ्रष्टाचार की शिकायत कर चुके हैं. 282 करोड़ रुपये का इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम की खामियों को लेकर कई बार बीईएल कंपनी पर जुर्माना हो चुका है. पेयजल की योजना अभी पूर्ण नहीं हुई है. करीब 3.90 करोड़ रुपये की लागत से आगरा स्मार्ट सिटी ने ताजगंज के आसपास के ई-टायलेट को लेकर भी कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है.