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मेरठ न्यूज़: तकनीक ने जीवन की मुश्किलों को बेहद आसान कर दिया है. दफ्तर, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल हो या घर, तकनीक ने सबको साध लिया है. कामकाजी लोगों के साथ गृहिणी भी अब तकनीक का इस्तेमाल कर स्मार्ट होम मेकर कहलाने लगीं हैं. शहर की कई घरेलू महिलाओं ने इसके जरिए अपने सपने को संवारा हैं. कई इसका प्रयोग कर आगे बढ़ रही हैं.
कोरोना काल में तकनीक बनी वरदान कोरोना काल में तकनीक वरदान बनकर उभरी. विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी से जूझती दुनिया को तकनीक ने दस साल आगे बढ़ा दिया. ऑनलाइन वर्क सिस्टम, जूम-गूगल मीट, ऑनलाइन क्लासेज के प्रयोग, टेली कंसल्टेशन जैसी तकनीकों के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था लेकिन एडवांस तकनीक ने इसे सरल बनाया. आज तकनीक जीवन के हर क्षेत्र का हिस्सा बन चुकी है. घर के छोटे छोटे काम से लेकर शिक्षा और कॉरेपोरेट जगत में तकनीक से रोजमर्रा के कामों को आसान बना दिया है.
पहले साधारण मशीनें होती थी उसमें अधिक डिजाइन बनाने संभव नहीं होते थे. आधुनिक मशीनों और तकनीक से काम को बढ़ावा मिला है. ऑनलाइन तकनीक भी मददगार साबित हुई है. -सुधा शर्मा, बुटीक संचालक
पहले मेरा काम बहुत सीमित था. गिने चुने लोग ही काम के बारे में जानते थे. तकनीक ने मेरे काम की दिशा ही बदल दी है. अब दुनिया भर में मैं डील करती हूं. तकनीक से ही संभव हो पाया है. -लवीना जैन, संचालक, तृप्ति फूड्स
इसलिए मनाया जाता है ये दिवस
भारत में पोखरण परमाणु परीक्षण 11 मई 1998 में हुआ था. ऑपरेशन शक्ति मिसाइल नाम से हुए इस परीक्षण में देश के वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता हासिल की थी. इसी उपलक्ष्य में इस दिन को राष्ट्रीय प्रद्यौगिकी दिवस घोषित कर दिया गया. इस दिन हंस-3, त्रिशूल जैसी और भी तकनीकी क्रांति संभव हुई थी.
तकनीक ने काम को सरल किया है. पहले गिने चुने विकल्प होते थे. अब कई विकल्प और बड़ा प्लेटफार्म हमारे पास है. एडवांस टेक्नोलॉजी हमने पार्लर में अपनाई हैं जिसकी वजह से क्लाइंटएज बढ़ा है. -शिप्रा, ब्यूटी कंसलटेंट