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शिक्षकों ने बायोमीट्रिक अटेंडेंस व्यवस्था का विरोध किया
प्रतापगढ़: एमडीपीजी कॉलेज के शिक्षकों ने उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के आह्वान पर अपनी मांगों के समर्थन में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया.
शिक्षकों ने बायोमीट्रिक अटेंडेंस व्यवस्था का विरोध किया. वक्ताओं ने कहा कि उनका विरोध बायोमैट्रिक अटेंडेंस अनिवार्यता को लेकर नहीं बल्कि इसे विषमता पूर्वक लागू करने को लेकर है. यदि गैर सहायता प्राप्त महाविद्यालय इसके दायरे में नहीं लाए जाएंगे तो सहायता प्राप्त और सरकारी महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र 75 प्रतिशत अनिवार्य उपस्थिति की शर्त के चलते परीक्षा व छात्रवृत्ति से वंचित हो जाएंगे. इसका परिणाम यह होगा कि सहायता प्राप्त एवं सरकारी महाविद्यालयों मे अध्ययरत छात्र आने वाले समय में उन महाविद्यालयों में चले जाएंगे जहां यह व्यवस्था नहीं है. इसके पीछे सरकार की मंशा सुधार की न होकर निजीकरण को बढ़ावा देने की है. सहायता प्राप्त और सरकारी महाविद्यालयों के शिक्षक इसका तब तक विरोध करते रहेंगे जब तक कि इसको संविधान की भावना के अनुसार लागू नहीं किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्य रूप से विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ के महामंत्री प्रो. पीके सिंह, इकाई अध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार तिवारी, महामंत्री प्रो. पीयूष कान्त शर्मा, डॉ. राजवन्त सिंह, प्रो. रमेशचन्द्र शुक्ल, प्रो. निशा सिंह, प्रो. सन्तोष कुमार पाण्डेय, प्रो. माया शंकर, प्रो. ऊषा दूबे, प्रो. उषा तिवारी, डॉ. रंजीत पटेल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.
बच्चों को प्रमाण पत्र देकर हौसला बढ़ाया
स्थानीय अग्निशमन केन्द्र की ओर से गांव में अभियान चलाकर बच्चों के बीच अग्नि सचेतक प्रशिक्षण कराया और प्रतियोगिता आयोजित की. प्रशिक्षण कार्यक्रम में 41 छात्र-छात्राओं को अचानक आग लगने पर क्या किया जाए. जिला अग्नि शमन अधिकारी प्रभाकर पाण्डेय ने प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को प्रशस्ति पत्र, प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र देकर हौंसला बढ़ाया. इस मौके पर लाल किशन दूबे, संजय सिंह, राधेश्याम दूबे, कुबेर सिंह, अशोक कुमार आदि मौजू रहे.