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594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को कुंभ से पहले पूरा करने का लक्ष्य, जानिए पूरी खबर
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौलिकता में से एक है गंगा एक्सप्रेसवे, जिसका कार्य तिर्व गति से किया जा रहा है। बीच में कुछ समय के लिए बारिश के कारण इसके निर्माणकार्य में बाधा उत्पन हुई, लेकिन अब सब ठीक है और कार्य की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है। चार चरणों में बनाए जा रहे मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी लंबे एक्सप्रेसवे के पहले चरण में कार्य सबसे अधिक किया गया है।
तीनों चरणों के कार्यों के लिए अड़ानी ग्रुप को टेंडर दिया: मेरठ स्थित बिजौली गांव से शुरू होने वाले एक्सप्रेसवे में 78.26 प्रतिशत तक का कार्य समतलीकरण तौर पूरा कर दिया गया है। जहां पहले चरण का कार्य आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया था, वहीं बाकी बचे तीनों चरणों के कार्यों के लिए अड़ानी ग्रुप को टेंडर दिया गया है। आपको बता दें इस कार्य की रोजाना एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को औद्योगिक विकास विभाग द्वारा भेजी जाती है, जिससे कार्य प्रगति पर रोजाना निगरानी रखा जा सके।
कुंभ से पहले एक्सप्रेसवे पर आवाजाही शुरू करने का लक्ष्य: सरकार का लक्ष्य है कि कुंभ से पहले एक्सप्रेसवे के कार्य को पूरी तरह से निपटा के वाहनों का आवाजाही शुरू करा दिया जाए। जिसके कारण मेरठ में ही निर्माण सामग्री के लिए प्लांट लगाया गया है और इसके अलावा अब मेरठ के 9 गांवों में भी कोई अन्य प्रकार की बाधा एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य में उत्पन नहीं होगी।
पहले चरण के मुकाबले चौथे चरण में कार्य गति रहा धीमा: गंगा एक्सप्रेसवे की 29 अगस्त तक की रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण में सबसे अधिक काम तेजी से चला, जिसमें 129.700 किमी में से 101.500 किमी तक के कार्य को पूरा किया गया था। दूसरे चरण में 151.700 किमी में से सिर्फ 107.665 किमी तक का कार्य पूरा किया गया। तीसरे चरण में 155.700 किमी में से 89.670 किमी का कार्य हुआ लेकिन चौथे चरण में कार्य में तेज गिरावट देखने को मिली जहां सिर्फ 85.498 मिट्टी तक का समतलीकरण कार्य ही हुआ।