उत्तर प्रदेश

किसान हित की बातें सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में छपी दिखती: अखिलेश

Rani Sahu
20 Jan 2023 2:01 PM GMT
किसान हित की बातें सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में छपी दिखती: अखिलेश
x
लखनऊ, (आईएएनएस)| समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में किसान बदहाली में जीने को मजबूर है। सरकार को किसानों की दिक्कतों, परेशानियों की कोई चिंता नहीं है। किसानों के साथ किए गए इनके सभी वादे झूठे निकले हैं। कहा कि किसान हित की बातें सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में छपी दिखती है।
सपा मुखिया ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि किसान मंहगाई और कर्ज के बोझ से दबकर आत्महत्या करने को मजबूर है।
भाजपा सरकार के तमाम दावों के बावजूद धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दरों पर नहीं हुई है। किसान को अपनी फसल को औने-पौने दाम पर बिचैलियों के हाथों बेचना पड़ा है। प्रदेश में धान की क्रय अवधि 05 माह होती है जिसमें पहले 48 घंटो के अन्तर्गत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दर पर भुगतान करने का निर्देश था, फिर इसे 90 दिन कर दिया गया लेकिन यह बात तो खुद आयुक्त खाद्य रसद विभाग भी मान रहा है कि सभी किसानों को एमएसपी पर भुगतान नहीं किया जा सका है। भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि आखिर किसानों को धान का एमएसपी दरों पर निर्धारित अवधि में भुगतान क्यों नहीं किया गया?
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की दुर्दशा तो भाजपा राज में सबसे ज्यादा है। गन्ना पेराई सत्र शुरू हुए तीन महीना हो चुका है। वर्ष 2022-23 का गन्ना मूल्य अभी तक घोषित नहीं किया गया है। प्रदेश में चल रही 120 चीनी मिलों से जुड़े 60 लाख से ज्यादा किसानों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है। यह सरकार हर काम चुनाव के लाभ हानि की नजर से करती है। गन्ना किसानों को भी राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है। गन्ना किसान को उत्पादन और परिश्रम लागत जोड़कर भुगतान किया जाना चाहिए। सरकार गन्ना का समर्थन मूल्य जल्द घोषित क्यों नहीं कर रही है?
अखिलेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया था। 2022 बीत गया पर भाजपा नेतृत्व को अपने वादे की याद नहीं आई। मंहगाई के कारण किसान की फसल की उत्पादन लागत बहुत बढ़ती जा रही है।
--आईएएनएस
Next Story