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आंखों का रखें खयाल, मृत्यु के बाद नेत्रदान करने वाला एक व्यक्ति चार लोगों को रोशनी दे सकता
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
मेरठ में मृत्यु के बाद नेत्रदान करने वाला एक व्यक्ति चार लोगों को रोशनी दे सकता है। पहले दोनों आंखों से सिर्फ दो ही कार्निया मिलती थीं, लेकिन डीमैक तकनीक के आने के बाद से एक आंख से दो कार्निया प्रत्यारोपित की जा रही हैं। अब व्यक्ति के मरने पर उसकी पूरी आंख नहीं बदली जाती है, सिर्फ रोशनी वाली काली पुतली ही ली जाती है। दोनों कार्निया एक साथ नहीं बदली जाती हैं।
मेरठ में मृत्यु के बाद नेत्रदान करने वाला एक व्यक्ति चार लोगों को रोशनी दे सकता है। पहले दोनों आंखों से सिर्फ दो ही कार्निया मिलती थीं, लेकिन डीमैक तकनीक के आने के बाद से एक आंख से दो कार्निया प्रत्यारोपित की जा रही हैं।
मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2003 में आई बैंक सोसायटी का गठन किया गया था, तब से अब तक 1709 लोग नेत्रदान कर चुके हैं। 1485 लोगों का नेत्र प्रत्यारोपण हो चुका है। 647 लोग नेत्र प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षारत हैं। नेत्रदान के लिए 103845 लोग संकल्प पत्र भर चुके हैं।
लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है। यह 25 अगस्त से 8 सितंबर तक चलता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ और प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि डेसीमेट मेम्ब्रेन एंडोथेलियल केराटोप्लास्टी (डीमैक) तकनीक से प्रत्यारोपण होता है। अब व्यक्ति के मरने पर उसकी पूरी आंख नहीं बदली जाती है, सिर्फ रोशनी वाली काली पुतली ही ली जाती है। दोनों कार्निया एक साथ नहीं बदली जाती हैं।
नेत्र रोग विभाग की आचार्य डॉ. अलका गुप्ता ने बताया कि इस साल जनवरी से अगस्त माह तक 46 लोगों ने नेत्रदान किया। जबकि 41 लोगों के नेत्र प्रत्यारोपण हुए हैं। इसके अलावा 92 लोगों ने संकल्प पत्र भरे हैं।
ऐसे करे सकते है आंखों की देखभाल
आंखें साफ रखें। दिन में दो-तीन बार आंख को साफ पानी से जरूर धोएं साथ ही तेज धूप में धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें , हरी सब्जी, सीजन का फल और दूध का सेवन करें,पढ़ते समय कमरे में प्रकाश उचित मात्रा में हो और बैठकर पढ़ें, 40 की उम्र होने पर आंख की जांच अवश्य करानी चाहिए और कंप्यूटर पर कार्य करते समय और टीवी देखते हुए उचित दूरी रखें।
आंखों का दुश्मन बन रहा स्मार्टफोन
चिकित्सकों ने बताया कि स्मार्टफोन की ब्राइटनेस और लगातार फोन के इस्तेमाल से हमारी आंखों पर काफी बुरा असर पड़ता है। फोन से निकलने वाली रोशनी सीधे रेटिना पर असर करती है। इसकी वजह से आंखें जल्दी खराब होने लगती हैं। धीरे-धीरे देखने की क्षमता कम होने लगती है। सिर में दर्द बढ़ने लगता है।