उत्तर प्रदेश

एथलीटों के लिए कैलाश प्रकाश स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक का रास्ता हुआ साफ

Admin Delhi 1
5 Jan 2023 9:46 AM GMT
एथलीटों के लिए कैलाश प्रकाश स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक का रास्ता हुआ साफ
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मेरठ: यूं तो मेरठ को खेल नगरी के रूप में जाना जाता हैं, यहां प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय स्थापित होनें जा रहा है। जबकि यहां बनने वाले खेल के सामान की पूरी दुनिया में अलग पहचान है। लेकिन लंबे समय से यहां एथलीटों के लिए सिंथेटिक ट्रैक की मांग उठ रही है। यहां तक की सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने यह मामला संसद में भी उठाया था।

अब मेरठ के कैलाश प्रकाश स्पोटर्स स्टेडियम में सिंथेटिक टैÑक लगने का रास्ता साफ हो गया है। सिंथेटिक टैÑक का एस्टीमेट तैयार हो गया है जिसे दो दिनों में खेल निदेशायल को भेजा जा रहा है। यह जिले के एथलीटों के लिए बड़ी उपलब्धि है।

विभिन्न खेलों के 300 एथलीट है स्टेडियम में

कैलाश प्रकाश स्टेडियम में टैÑक रनिंग के अलग-अलग इवेंट में करीब 300 एथलीटों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। लेकिन यहां सिंथेटिक ट्रैक नहीं होने से इन खिलाड़ियों को अभ्यास करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। समय-समय पर यह खिलाड़ी स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक लगानें की मांग उठाते रहें हैं। जिसका नतीजा अब सामने आया है,

पूरे स्टेडियम में रनिंग इवेंट के खिलाड़ियों को जल्द ही सिंथेटिक टैÑक की सौगात मिलने वाली है। जिसका एस्टीमेट तैयार हो गया है जो 8 करोड़, 77 लाख, 60 हजÞार रूपये है। एस्टिमेट राजकीय निर्माण विभाग निगम द्वारा तैयार किया गया है जिसका आंकलन भी पूरा हो चुका है। साथ ही अपर मुख्य सचिव खेल से भी वर्ता हो गई है। एस्टिमेट दो दिनों में ही खेल निदेशालय को भेजा जा रहा है।

यह होगा सिंथेटिक का फायदा

एथलीटों को अपने खेलों का अभ्यास जमीन पर करना पड़ता है। इनमें 100मी, 200मी, 400मी, 1000मी व दस हजÞार मीटर दौड़ जैसे इंवेटों के साथ 400 गुणा 4 रिले दौड़, पैदल चाल जैसे इवेंट के खिलाड़ी शामिल है। जमीन पर अभ्यास करने की वजह से खिलाड़ी चोटिल होते रहें है। इसके साथ ही बरसात के मौसम में मैदान गीला होने पर खिलाड़ियों को अभ्यास करने को नहीं मिलता,मैदान सूखनें के लिए खिलाड़ियों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है जिससे उनका अभ्यास भी प्रभावित होता हैं।

वहीं दौड़ लगाते समय मैदान में उड़नें वाली धूल भी खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचा रही है। लेकिन अब जल्द ही खिलाड़ियों को इन सब मुश्किलों से निजात मिलने जा रही है। जनवरी के पहले सप्ताह में खेल निदेशालय को सिंथेटिक ट्रैक का एस्टिमेट भेज दिया जाएगा जिसके बाद इसी महिने के अंत में सर्वे होनें के बाद इसपर काम शुरू हो जाएगा। संभावना है कि दो से चार माह में स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक बिछानें का काम शुरू हो जाएगा।

17 से एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान पर होगी राष्टÑीय स्तर की प्रतियोगिता: कैलाश प्रकाश स्टेडियम के सिंथेटिक हॉकी मैदान पर पहली राष्टÑीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन 17 जनवरी से होने जा रहा है। इससे पहले इसी मैदान पर अंर्तविद्यालय प्रतियोगिता आयोजित हो चुकी है। वहीं राष्टीय स्तर की प्रतियोगिता होने का लाभ यहां के हॉकी खिलाड़ियों को भी मिलेगा साथ ही मेरठ का नाम भी उन मैदानों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां इस तरह की राष्टÑीय स्तर की प्रतियोगिताएं होती है। इससे मेरठ में अंतराष्टÑीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिता होने का भी रास्ता साफ हो जाएगा।

17 से 21 जनवारी के बीच कैलाश प्रकाश स्टेडियम में पहली अखिल भारतीय आमंत्रण प्राईजमनी महिला हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन होनें जा रहा है। प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए देश के सभी राज्यों के खेल निदेशालयों को पत्र भेजें जा चुके है। जिसमें हर राज्य से सीनियर महिला हॉकी टीम, टीम के मैनेजर व कोच समेत दो रिजर्व खिलाड़ियों समेत कुल 18 सदस्यों का दल प्रतियोगिता मे शामिल होनें पहुंच रहा है। आज सभी टीमों की सहमति का अंतिम दिन है, वहीं शहर में सभी टीमों के ठहरनें की व्यवस्था की जा चुकी है।

विजेता, उपविजेता व तीसरे स्थान पर रहनें वाली टीमों को मिलेगा नगद पुरस्कार

प्रांतीय क्रीड़ा अधिकारी योगेन्द्र पाल सिंह ने बताया खेल निदेशालय उप्र द्वारा खिलाड़ियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। इनमें टीमों को आनें-जानें का बस/रेल का किराया आरक्षण शुल्क समेत, प्रत्येक टीम को जर्नी एलाउंस, दैनिक भत्ता, प्रथम स्थान पर आनें वाली टीम को 2 लाख, द्वतीय स्थान पर रहने वाली को एक लाख व तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 50 हजÞार रूपये नगद पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे। इसके साथ ही खिलाड़ियों के लिए आवास व्यवस्था, ट्रांस्पोर्ट व्यवस्था आयोजक द्वारा टीमों को नि:शुल्क दी जाएगी। प्रतियोगिता में पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमों की धनराशी का भुगतान आॅनलाइन टीम मैनेजर, कोच या कप्तान के खाते में किया जाएगा।

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