उत्तर प्रदेश

सिपाहियों में मारपीट के बाद स्वॉट टीम भंग

Harrison
10 Oct 2023 10:21 AM GMT
सिपाहियों में मारपीट के बाद स्वॉट टीम भंग
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उत्तरप्रदेश | पेशेवर अपराधियों से निपटने के लिए बनाई गई स्वॉट (स्पेशल वेपन एंड टेक्टिक्स) टीम भंग कर दी गई है. टीम के दो सिपाहियों में मारपीट हुई थी. चर्चा है कि पिस्टल निकल आईं थीं. यह मामला अधिकारियों तक पहुंचा था. पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने टीम को भंग कर दिया. फिलहाल उन सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है जिनके बीच मारपीट हुई थी. मारपीट के पीछे दो वजह चर्चाओं में हैं.
स्वॉट नाम से आगरा में पहली टीम वर्ष 2011 में तत्कालीन एसएसपी असीम अरुण ने बनाई थी. असीम अरुण वर्तमान में प्रदेश सरकार में मंत्री हैं. टीम में शामिल दरोगा और सिपाहियों को स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग दिलाई गई थी. टीम की ड्रेस बनी थी. काले कपड़ों में टीम के जवान अलग ही नजर आते थे. जिस मकसद से स्वॉट का गठन हुआ था टीम धीरे-धीरे उससे भटक गई. इस बार विवाद ज्यादा ही बढ़ गया.
सूत्रों के अनुसार ताजगंज थाने के एक वांछित की घेराबंदी के लिए स्वॉट टीम को लगाया था. दीवानी में टीम के जवान सादा कपड़ों में तैनात थे. वहां एक सिपाही की गलती से उनकी पहचान हो गई. पैरोकारों ने बदमाश को थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया. स्वाट के एक सिपाही ने उस बदमाश को थाना पुलिस से छीनने का प्रयास किया था. इसी बात पर टीम में तैनात दो सिपाहियों के बीच विवाद हुआ. यह विवाद स्वाट कार्यालय तक पहुंच गया. पुलिस महकमे में चर्चा है कि विवाद मामूली नहीं था. नौबत मारपीट से ऊपर निकल गई थी. पिस्टल निकल आईं थीं. जानकारी पुलिस आयुक्त तक पहुंच गई. उन्हें भी विवाद की असली वजह नहीं बताई गई.
विवाद की एक वजह और बताई जा रही है. हालांकि कोई अधिकारी इसकी पुष्टि करने को तैयार नहीं है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों भारी मात्रा में गांजा पकड़ा गया था. उसमें खेल हुआ था. उसी को लेकर विवाद हुआ.
चहेता गुडवर्क है गांजा पकड़ना
जो काम अब स्वॉट कर रही है पूर्व में सर्विलांस करती थी. गांजा पकड़ना पिछले कुछ सालों से स्पेशल टीम का चहेता गुडवर्क है. पूर्व में भी गुडवर्क के बाद कई तरह के आरोप टीम पर लगे थे. आगरा तब कमिश्नरेट नहीं बना था. जोन और रेंज स्तर से तत्कालीन एसएसपी को मौखिक रूप से गांजा गुडवर्क में हुए खेल की जानकारी दी गई थी. आगरा में जांच कार्रवाई के लिए नहीं कराई जाती. पुलिस वाले फंस रहे होते हैं,इसलिए जांच में लीपापोती कर दी जाती है. गांजा जब भी पकड़ा जाता है मुखबिर को उसका हिस्सा देने के नाम पर खेल किया जाता है.
स्वॉट टीम के चार सिपाहियों को एस्कॉट में रखा गया है. जो काम में अच्छे हैं उन्हें एसओजी में भेजा गया है. कुछ को लाइन भेजा गया है. प्रभारी को जहां से आए थे वहां वापस भेज दिया गया है. मारपीट वाले प्रकरण में जांच चल रही है. जल्द आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. डॉ. प्रीतिंदर सिंह, पुलिस आयुक्त
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