उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी पर 'सुप्रीम' सुनवाई जारी, आयोग की रिपोर्ट लीक होने से सुप्रीम कोर्ट नाराज

jantaserishta.com
20 May 2022 10:37 AM GMT
ज्ञानवापी पर सुप्रीम सुनवाई जारी, आयोग की रिपोर्ट लीक होने से सुप्रीम कोर्ट नाराज
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Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी मस्जिद पर माहौल गर्म होता ही जा रहा है. आज सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई शुरू हो गई है. दूसरी तरफ ज्ञानवापी मस्जिद में आज जुमे की नमाज भी हुई, जिसको लेकर वहां कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गए. वहां भीड़ काफी बढ़ गई थी. इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी ज्ञानवापी से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई, जिसे 6 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया.

अहमदी ने कहा कि पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बदलने पर स्पष्ट रूप से रोक है. आयोग का गठन क्यों किया गया था? यह देखना था कि वहां क्या था?
जस्टिस चंद्रचूड़- लेकिन किसी स्थान के धार्मिक चरित्र का पता लगाना वर्जित नहीं है.
मान लीजिए कोई अगियारी है. मान लीजिए कि अगियारी के दूसरे हिस्से में क्रॉस है. क्या अगियारी की उपस्थिति क्रॉस को अगियारी बनाती है? या क्रॉस की उपस्थिति अगियारी को ईसाई जगह बनाती है?
ईसाई धर्म के एक लेख की उपस्थिति इसे ईसाई नहीं बनाएगी और पारसी की उपस्थिति इसे ऐसा नहीं बनाएगी.
क्या ट्रायल जज अधिकार क्षेत्र से बाहर चला गया था और क्या रिपोर्ट लीक हुई थी, यह अलग-अलग मुद्दे हैं. हम बाद में देखेंगे.
अहमदी- कमीशन नियुक्त करने का मतलब ये पता लगाना था कि परिसर में किसी देवता की मूर्ति या धार्मिक चिह्न तो नहीं हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर कहीं अगियारी और क्रॉस मिलते हैं तो दो धर्मों का अस्तित्व बताते हैं.
आयोग की रिपोर्ट लीक होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट लीक नहीं होनी चाहिए और केवल न्यायाधीश के समक्ष पेश की जानी चाहिए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मीडिया में लीक बंद होनी चाहिए. रिपोर्ट कोर्ट में जमा करनी थी. कोर्ट को इसे खोलना चाहिए था. हमें जमीन पर संतुलन और शांति की भावना बनाए रखने की जरूरत है. एक तरह से हीलिंग टच की जरूरत है. हम देश में संतुलन की भावना को बनाए रखने के लिए एक संयुक्त मिशन पर हैं.
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि मस्जिद में हमें वज़ू करने की अनुमति नहीं है. पूरे इलाके को सील कर दिया गया है जहां वज़ू किया जाता है. इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम जिलाधिकारी से वैकल्पिक इंतजाम करने को कहेंगे. वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसके भी इंतजाम किए गए हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि समाज के विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारा और शांति हमारे लिए सबसे ऊपर है. हमारा अंतरिम आदेश जारी रह सकता है. इससे सब ओर शांति बनी रहेगी. पहले ट्रायल कोर्ट को मुस्लिम पक्ष की अपील, दलील और 1991 के उपासना स्थल कानून के उल्लंघन की अर्जी पर सुनवाई करने दें.

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