उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट का बुलडोजर एक्शन पर रोक से इंकार: नोटिस जरूर दें यूपी सरकार, प्रदेश में नहीं रुकेगा योगी का बुल्डोजर

Admin Delhi 1
17 Jun 2022 5:02 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट का बुलडोजर एक्शन पर रोक से इंकार: नोटिस जरूर दें यूपी सरकार, प्रदेश में नहीं रुकेगा योगी का बुल्डोजर
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दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। योगी आदित्यनाथ सरकार पत्थरबाजों एवं उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए ध्वस्तीकरण अभियान को काफी जोर-शोर से आगे बढ़ा रही है। इसके खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मुस्लिम संस्था ने उच्चतम न्यायालय से योगी सरकार के बुल्डोजर एक्शन पर रोक लगाने की मांग की थी।

नोटिस देकर ही चले बुलडोजर: सुप्रीम कोर्ट

जमीयत की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इतना जरूर कहा है कि किसी का घर, मकान या दुकान ढहाने की कार्रवाई बिना नोटिस के नहीं की जा सकती है। उसने कहा कि स्थानीय प्राधिकार को इसके लिए तय कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा। सबकुछ साफ-सुथरे और निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि वह डेमोलेशन ड्राइव पर रोक नहीं लगा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार और संबंधित अथॉरिटी को याचिका में उठाए गए सवालों के जवाब दाखिल करने को कहा है।

कानून के तहत चले बुलडोजर तो सही: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से कहा है कि वह कानून के तहत ही डिमोलेशन ड्राइव चलाए। बिना तय कानूनी प्रक्रिया के डोमेलेशन ड्राइव नहीं चलाई जा सकती है। उसने राज्य और संबंधित अथॉरिटी से इस संबंध में तीन दिनों के अंदर हलफनामा मांगा। राज्य सरकार को अपने हलफनामे में यह बताना होगा कि हाल में जिन निर्माणों पर बुलडोजर चले, वो नगरपालिका कानूनों की तय प्रक्रिया का उल्लंघन कर रहे थे। यानी, बुलडोजर ऐक्शन पूरी तरह कानूनी और निष्पक्ष था।

योगी सरकार ने कहा: समुदाय को देखे बिना लिया है ऐक्शन, जहांगीरपुरी का हवाला: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'हमने यह साफ कर दिया है कि किसी भी ऐसे ढांचे या भवन को नहीं गिराया गया है, जो कानूनी तौर पर सही हो।' उन्होंने कहा कि सभी का अपना एजेंडा है और एक सियासी दल ने याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि जहांगीरपुरी इलाके में समुदाय को देखे बगैर ढांचे हटाए गए थे। मेहता ने कहा कि इसमें जरूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।

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