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उत्तर प्रदेश
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में दलित बहनों की रेप-हत्या मामले में सुनवाई से किया इनकार
Rani Sahu
19 Sep 2022 4:27 PM GMT
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लखीमपुर खीरी में दलित बहनों से रेप के बाद हत्या का मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने इस मामले में सुवनाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस मामले से आपका पीड़िता के साथ क्या संबंध है? क्या आप पीड़ित है? याचिकाकर्ता ने कहा कि वह मामले में पीड़ित नहीं है, लेकिन वह चाहता है कि मामले में SIT से जांच कराई जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में अपना काम कर रही है हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
लखीमपुर खीरी जिले में दलित समुदाय की दो किशोरी बहनों से कथित दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या के मामले की जांच में तेजी लाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त हिदायत के बाद स्थानीय पुलिस सभी छह आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई पर विचार कर रही है. लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव सुमन ने बताया था कि हम छह आरोपियों पर रासूका लगाने पर विचार कर रहे हैं. इसके अलावा छह आरोपियों और दोनों लड़कियों के डीएनए नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे. उन्होंने बताया कि कि घटना के मुख्य आरोपी जुनैद और सोहेल ने दो बहनों से बलात्कार और बाद में उनका गला घोंटना कबूल किया है. दोनों आरोपी मजदूर हैं.
परिवार को 25 लाख और मकान देने की घोषणा
सुमन ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी बालिग हैं और उन्होंने एक आरोपी के परिवार द्वारा उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली खबर को खारिज किया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार देर शाम निर्देश दिया था कि मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक पक्का घर और कृषि भूमि दी जाए. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हत्या के इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर एक माह के भीतर दोषियों को उनके कृत्य की सजा दिलाई जाएगी.
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