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गोमती का जलस्तर घटने के कारण प्रभावित हो सकती है सप्लाई
मथुरा: राजधानी के आधे शहर में पेयजल की जबरदस्त किल्लत हो सकती है. गोमती में जल स्तर कम होने से गऊघाट पर पम्पिंग स्टेशन को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. पानी और घटा तो शहर की मुसीबतें बढ़ती तय हैं. पुराने लखनऊ समेत करीब आधा शहर गोमती का पानी पीता है. सिंचाई विभाग ने बैराज गेट की मरम्मत के लिए नदी में पानी छोड़ना कम कर दिया है. गेट खुलने से अप स्ट्रीम में पानी नहीं रुक रहा है. जलकल अफसरों ने सिंचाई विभाग से कहा है कि जल्द काम पूरा नहीं हुआ तो शहर में जबरदस्त पानी संकट होगा. जीएम जलकल सहित सभी अधिकारियों ने गऊघाट का निरीक्षण किया.
गोमती से ही बालागंज, ऐशबाग वाटर वर्क्स को रॉ वाटर मिलता है, जहां ट्रीटमेंट के बाद करीब आधे शहर में पानी आपूर्ति होती है. चारबाग से कैसरबाग, अमीनाबाद, हजरतगंज, हुसैनगंज, ठाकुरगंज, चौक, यहियागंज, पाण्डेयगंज, ऐशबाग, बालागंज, चौपटिया, नरही, नाका समेत तमाम इलाकों को वाटर वर्क्स से ही पानी सप्लाई होती है. मगर गोमती में पानी कम होने से इन इलाकों में पानी संकट हो सकता है. सिंचाई विभाग ने गोमती में पानी छोड़ना कम कर दिया है. सिंचाई विभाग ही नहर से गोमती में पानी छोड़ता है.
अभी पूरा पानी नहीं है
गऊघाट से पम्प के जरिए गोमती से पानी खींचकर बालागंज, ऐशबाग वाटर वर्क्स को पानी जाता है. गऊघाट पम्पिंग स्टेशन पूरी क्षमता से तभी चलता है, जब नदी में पर्याप्त पानी होता है. मौजूदा समय में पूरा पानी नहीं है.
346.80 फीट पानी की जरूरत, मिल रहा 345.80 फीट गऊघाट पर 346.80 फीट पानी होने पर ही सभी पम्पों को पर्याप्त रा वाटर मिलता है. मगर इस समय इतना पानी यहां नहीं है. 13 को 346.90 फीट रहा पानी 14 को 345.90 फुट रह गया. 15 को 345.80 फीट ही रह गया. सिंचाई विभाग ने करीब 0 क्यूसिक पानी गोमती में छोड़ने की बात कही है. इस पानी के आने के बाद जल स्तर बढ़ सकता है.