उत्तर प्रदेश

एमएमजी में कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन

Harrison
25 Sep 2023 11:48 AM GMT
एमएमजी में कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन
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उत्तरप्रदेश | थोड़ी सी गंभीर बीमारी पर ही मरीजों को रेफर करने वाले एमएमजी अस्पताल में नवागंतुक चिकित्सक ने कूल्हा का सफल प्रत्यारोपण किया है. 85 साल की बुजुर्ग महिला ऑपरेशन के तीन दिन बाद ही सहारे से चल पा रही है.
एमएमजी अस्पताल का यह पहला कूल्हा प्रत्यारोपण माना जा रहा है. विजयनगर की रविदास कॉलोनी में रहने वाले अमर सिंह का संयुक्त परिवार है. उनकी 85 साल की बूढ़ी मां रामदेवी भी साथ रहती हैं. जबकि पिता जमुनाप्रसाद अब इस दुनिया में नहीं रहे. 12 सितंबर की रात बिजली गुल होने की वजह से उनकी मां पलंग से नीचे गिर गई. इसके कारण उनका चलना-फिरना मुश्किल हो गया. आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से परिवार ने एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनय कांत को दिखाया. एक्स-रे जांच के बाद डॉ. विनय कांत ने बताया कि गिरने की वजह से बुजुर्ग महिला का कूल्हा टूट गया है. इसके लिए उन्होंने मरीज को महिला वार्ड में भर्ती कर लिया. शुगर, एचआईवी और अन्य जांच करने के बाद डॉ. विनयकांत ने 17 सितंबर को महिला का कूल्हा प्रत्यारोपण किया. तीन दिन बाद डॉ. विनयकांत की मौजूदगी में बुजुर्ग को सहारा देकर चलाया गया तो वह आसानी से चलने लगी. ऑपरेशन के अगले ही दिन बुजुर्ग ने खाना-पीना भी शुरू कर दिया. इससे पहले वह खाना नहीं खा पा रही थी. किसी भी सरकारी अस्पताल में हड्डी रोग से संबंधित उपकरण की शासन की ओर से सप्लाई नहीं है. इसके लिए मरीजों को ही सामान खरीदना पड़ता है. बुजुर्ग के परिजनों ने बाजार से कूल्हा लाकर चिकित्सकों को दिया. इसके बाद ऑपरेशन हो सका.
अस्पताल में कूल्हे का सफल ऑपरेशन होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी. इसके लिए अब मरीजों को कूल्हे में फ्रैक्चर के लिए रेफर नहीं किया जाएगा.
- डॉ. मनोज चतुर्वेदी, सीएमएम, एमएमजी अस्पताल,
प्राइवेट अस्पताल में आता है डेढ़ लाख का खर्च
निजी अस्पतालों में कूल्हा ट्रांसप्लांट का खर्चा एक से डेढ़ लाख रुपए के बीच आता है. लेकिन एमएमजी अस्पताल में ऑपरेशन मुफ्त होने की वजह से परिजन चिकित्सकों और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का आभार जता रहे हैं.
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