उत्तर प्रदेश

पुल निर्माण की मांग को लेकर छात्रों और ग्रामीणों ने ढखेरवा मार्ग किया जाम

Admin4
3 Sep 2022 3:45 PM GMT
पुल निर्माण की मांग को लेकर छात्रों और ग्रामीणों ने ढखेरवा मार्ग किया जाम
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सुजई कुंडा मार्ग पर टूटे दुबग्गा घाट पुल का निर्माण न होने से लोगों के सब्र का बांध शनिवार को टूट गया। सैकड़ों छात्रों के साथ ग्रामीणों ने सिनेमा चौराहा के पास साइकिल, बल्ली आदि खड़ी कर ढखेरवा-सिसैया मार्ग पर जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारी सांसद, विधायक और डीएम मुर्दाबाद आदि नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन के चलते इस मार्ग पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। एसडीएम के अस्थायी समाधान का आश्वासन देने पर करीब ढाई घंटे बाद जाम खुल सका।
कोतवाली धौरहरा क्षेत्र में सुजई कुंडा-पंडित पुरवा मार्ग पर घाघरा नदी से काफी चौड़ा दहोरा नाला निकला है। इस पर स्थित दुबग्गा घाट पर बना पुल तीन दशक से अधिक समय से टूटा हुआ है। इससे करीब 20 गांवों की करीब 50 हजार आबादी प्रभावित होती है। उसे आने-जाने में नाव आदि का सहारा लेना पड़ता है। बरसात के दिनों में करीब तीन महीने तक आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है। लोग जान जोखिम में डालकर किसी तरह आते-जाते हैं।
क्षेत्रीय ग्रामीण दो दशक से अधिक समय से टूटे पुल को बनवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन न तो जन प्रतिनिधियों ने कोई ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने पुल बनवाने की दिशा में कोई कारगर कदम उठाए। पुल न होने के कारण छात्र भी स्कूल नहीं जा पाते हैं। ग्रामीणों और छात्रों को कई किलोमीटर का चक्कर काटकर आना-जाना पड़ता है। सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण शनिवार को छात्रों और ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया।
सैकड़ों की संख्या में छात्र और ग्रामीण सिनेमा चौराहा के पास एकत्र हुए और ढखेरवा-सिसैया मार्ग पर साइकिल, बल्ली आदि डालकर मार्ग को जाम कर दिया। सभी सड़क पर बैठ गए और धरना प्रदर्शन करने लगे। आक्रोशित प्रदर्शनकारी सांसद धौरहरा, विधायक, डीएम और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक कोई हल नहीं निकलता तब तक वह लोग सड़क से नहीं हटेंगे।
सूचना पाकर मौके पर तहसीलदार धौरहरा अवधेश, प्रभारी निरीक्षक विवेक उपाध्याय, विधायक के भाई गोपाल शंकर अवस्थी मौके पर पहुंचे और छात्रों व ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और एसडीएम को मौके पर बुलाने व समस्या का समाधान कराने की मांग पर अड़े रहे। जब एसडीएम धीरेंद्र सिंह मौके पर और उन्होंने छात्रों व ग्रामीणों से वार्ता की। एसडीएम ने कहा कि जब तक पुल नहीं बनता है तब तक वैकल्पिक व्यवस्था करा दी जाएगी। तब वह सभी माने और करीब ढाई घंटे बाद जाम खुल सका। ज्ञापन लेकर जल्द ही समस्या का समाधान कराने की बात कही। तब छात्र व ग्रामीण शांत हुए।
पुल न होने से यह गांव होते हैं प्रभावित
घाघरा नदी धौरहरा क्षेत्र के लिए अभिशाप बनी है। हर साल कटान और बाढ़ की विभीषिका से लोग बेघर हो जा रहे हैं। कृषि योग्य भूमि नदी में समाने से दाने-दाने को मोहताज हैं। वहीं सरकार और प्रशासन की अनदेखी इस क्षेत्र के लोगों का दर्द बढ़ा देती है। दुबग्गा घाट पर पुल न होने से दहोरा नाले के उस पार बसे पंण्डितपुरवा, मंगरौली, लहसौरी, टापरपुरवा, घोसियाना, सुजई कुंडा, नज्जापुरवा, भटपुरवा कलां, धारीदासपुरवा, हरसिंहपुर, सुनारनपुरवा, बिन्जहा सहित करीब बीस गांव की करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित है। लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
नाव से होता है आवागमन
पुल न होने के कारण ग्रामीण और छात्र नाव से नाला पार कर आते-जाते हैं। जिससे उनकी जान को हमेशा खतरा बना रहता है। कई बार नाव पलटने से हादसे भी हो चुके हैं। इस पुल का निर्माण यदि हो जाए तो लोग आधे घंटे में तहसील मुख्यालय पहुंच सकते हैं। वैसे उन्हें कई किलोमीटर का लंबा चक्कर काट कर तहसील और जिला मुख्यालय आना-जाना पड़ता है।
पुल को बनवाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। पुल निर्माण के लिए शासन में प्रक्रिया चल रही है। तब तक के लिए अस्थायी समाधान के लिए बीडीओ रमियाबेहड़ से कहा गया है।
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