उत्तर प्रदेश

छात्र ने गलती से छू ली बाइक, तो शिक्षक ने बेरहमी से पीटा, हुए निलंबित

Ritisha Jaiswal
4 Sep 2022 3:00 PM GMT
छात्र ने गलती से छू ली बाइक,  तो शिक्षक ने बेरहमी से पीटा, हुए  निलंबित
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छुआछूत, संकीर्ण सोच, जातिगत भेदभाव समाज पर ओच्छी मानसिकता का एक बदनुमा दाग है

छुआछूत, संकीर्ण सोच, जातिगत भेदभाव समाज पर ओच्छी मानसिकता का एक बदनुमा दाग है, जो अथक प्रयासों के बावजूद साफ नहीं हो पा रहा है। ये कुप्रथाएं नासूर बन कर साथ-साथ चली आ रही हैं। ताजा मामला यूपी के बलिया जिले से है। जहां एक दलित छात्र की शिक्षक ने बेरहमी से पिटाई की है। उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने कुंठित मानसिकता वाले शिक्षक की मोटरसाइकिल पर गलती से हाथ रख दिया था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए बीएसए ने आरोपित शिक्षक को निलंबित कर दिया एवं मामले की जांच करने का आदेश भी जारी कर दिया है।

क्या है मामला?
दरअसल नगरा क्षेत्र के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रनउपुर में विवेक नाम का दलित छात्र कक्षा 6 में पढ़ता है। दलित छात्र का आरोप है कि शुक्रवार को लंच के दौरान उसका हाथ शिक्षक के मोटरसाइकिल से छू गया था। जिससे नाराज शिक्षक ने उसके साथ जम कर मारपीट की। आरोपी शिक्षक यहीं नही रुका छात्र को पीटते हुए शिक्षक उसे एक कमरे में ले जाकर बन्द कर दिया। छात्र ने यह भी आरोप लगाया कि लोहे की पाइप और झाड़ू से भी उसकी पिटाई की गई। किसी तरह से वहां अन्य शिक्षकों और स्टाफ ने उसकी जान बचाई।
वहीं पीड़ित छात्र के परिजनों के तहरीर के आधार पर आरोपी शिक्षक कृष्ण मोहन शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं बलिया के बीएसए मनीराम सिंह का कहना है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। लिहाज़ा जांच के आधार पर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया और मामले की जांच की जा रही है।
सवाल उठना लाजमी है...आखिर कब तक?
जानने योग्य है कि इससे पहले राजस्थान के जालोर में छुआछूत की वजह से 9 साल के एक मासूम दलित बच्चे की जान चली गई। यहां 9 साल के एक बच्चे ने जब स्कूल के मटके को पानी पीने के लिए छुआ, तो उसे स्कूल टीचर ने इतना पीटा कि उसकी कान की नस फट गई। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि वह गुरु जो बिना किसी भेदभाव के अपने विद्यार्थी को भविष्य में किसी के साथ भेदभाव न करने, सबके साथ अच्छा व्यवहार करने जैसी अच्छी शिक्षा देता है, अगर वही शिक्षक ऐसा करने लग जाए तो इस मानसिकता से कैसे उबरा जाएगा? ये महज एक मामला ही नहीं यह एक गंभीर विषय है, जिस पर सोच विचार करने की आवश्यकता है।


Ritisha Jaiswal

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