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निगम में भ्रष्टाचार रोकना ट्रिपल इंजन सरकार के लिये बड़ी चुनौती
मेरठ: नगर निगम में एक कर्मचारी के निलंबित अवधि का वेतन जारी करने के मामले में अपर नगरायुक्त ने लिपिक मुख्य कोषागार तत्कालीन कार्यालय अधीक्षक नगर निगम को पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। मामले में लिपिक को उसके वेतन से निलंबित कर्मचारी का जो वेतन जारी किया गया है। उसे काटने की भी चेतावनी दी गई है, लेकिन शायद यह चेतावनी मामले में भ्रष्टाचार की मजबूत सेटिंग के लिये दी गई है।
तभी तो नगर निगम के अधिकारी सब कुछ जानते हुये भी इस मामले में अंजान बने हुए हैं। इस तरह के एक-दो मामलों में नहीं बल्कि अनेकों मामलों में मजबूत सेटिंग के चलते दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय फाइलों में ही गोलमोल सवाल-जवाब के बीच रफा-दफा कर दिए गये।
तभी तो कुछ पंक्तियां निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर सटीक बैठती हैं कि साहब! निलंबन कर कार्रवाई के नाम पर जख्म भी तुम देते हो, जब हो जाए सेटिंग तो नौकरी व वेतन आदि बहाल कर मरहम भी लगा देते हो। इस तरह के निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामलों को रोकना ट्रिपल इंजन सरकार के लिये बड़ी चुनौती साबित होगी।
अपर नगरायुक्त ने 4 मई 2023 को हरिकांत शिवलानिया लिपिक मुख्य कोषागार, तत्कालीन कार्यालय अध्यीक्षक नगर निगम मेरठ पत्र जारी किया। पत्र में लिपिक मुख्य कोषागार से निलंबित (अनुचर) कर्मचारी मनीष कुमार की जांच पत्रावली पर नगरायुक्त द्वारा अपचारी कर्मचारी के अनुपस्थित अवधि के वेतन अहारण के संबंध में जानकारी की गई।
जिसमें अवगत कराया गया है कि कार्यालय आदेश संख्या 592/कार्यालय अधीक्षक नगर निगम मेरठ 2021 दिनांक 24 मार्च 2021 के द्वारा मनीष कुमार अनुचर का स्थानांतरण गृहकर कंकरखेड़ा जोन से करते हुए गांवड़ी स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट पर चौकीदार के लिये लिया गया था।
जिसके बाद मनीष कुमार के द्वारा उक्त आदेश का अनुपाल न करते हुए अपनी नवीनतम तैनाती स्थल पर योगदान आख्या प्रस्तुत न करने पर लिपिक कूड़ा निस्तारण प्लांट द्वारा अपनी आख्या-दिनांक 02/06/2021 के द्वारा सूचना दी गई थी कि उक्त आख्या पर सहायक नगर आयुक्त के द्वारा अपने प्रष्ठांकन आदेश दिनांक 5 जून 2021 द्वारा मनीष की अनुचार तैनाती व वेतन अहारण के संबध में जानकारी चाही गई थी,
लेकिन वह जानकारी उक्त आदेश का पालन नहीं करते हुये उपलब्ध नहीं कराते हुए 7 जून 2021 को सीन (नजर अंदाज) कर दिया गया। मनीष की अनुपस्थिति की जानकारी जलकल विभाग को न होने के कारण मनीष कुमार का मार्च 2021 से नवंबर 2021 तक का जो वेतन अहारण जारी कर दिया गया है। इस संबंध में लिपिक मुख्य कोषागार से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
साथ ही पूछा गया है कि आपके द्वारा कूड़ा निस्तारण प्लांट की आख्या पर कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं की गई। अन्यथा ऐसी स्थिति में अनुचर मनीष कुमार के अनुपस्थित रहने पर जो वेतन अहारित किया गया है। वह तुम्हारे वेतन से वसूल किया जायेगा। इस तरह के न जाने कितने मामले नगर निगम की फाइलों में दबे हुये हैं। कर्मचारी के निलंबित रहते हुये वेतन जारी करने का मामला हो या
फिर 23 कर्मचारियों की फर्जी नियुक्त का मामला हो या फिर जाकिर कॉलोनी में हाल ही में 30 मीटर की सड़क को 54 मीटर से अधिक दर्शाकर ठेकेदार द्वारा निगम के अधिकारियों से मिलीभगत कर मजबूत सेटिंग के चलते भुगतान प्राप्त करने का मामला हो। न जाने कितने इस तरह के मामले फाइलों में कैद हैं, लेकिन यदि एक-दो मामला इस तरह का मीडिया के पास पहुंच जाये तो
जिस कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात निगम के आॅन रिकॉर्ड में अधिकारी करते हैं। वह मीडिया के सामने वर्जन देने के दौरान इस तरह से अंजान बन जाते हैं। जैसे कि मानों उन्हें कुछ जानकारी है ही नहीं। यदि उन्हें उनके द्वारा जारी आदेश की छाया प्रति दिखाकर वर्जन लेना चाहों तो एक-दूसरे पर टाल देते हैं। खुद के द्वारा जारी आदेश पर भी अंजान बनते दिखाई देते हैं।
भ्रष्टाचार के मामलों को रोकना बड़ी चुनौती होगी या फिर ट्रिपल इंजन की सरकार भी इस तरह के मामलों में समझौता कर आंखें मूंद लेगी। यह तो नवागत मेयर के शपथ ग्रहण के बाद निगम में इस तहर के मामलों में उनका क्या रूख होगा तब ही पता चल सकेगा?
जलकल विभाग में कार्यरत मनीष के निलंबित समय का कोई वेतन जारी नहीं किया जा रहा है।
केवल परिवार की जीविका पार्जन के लिये भत्ता जारी किया दिया जा रहा है। -ममता मालवीय अपर नगरायुक्त नगर निगम, मेरठ।