उत्तर प्रदेश

65 वर्ष करने के एकलपीठ के फैसले पर रोक

Admin4
1 July 2022 4:22 PM GMT
65 वर्ष करने के एकलपीठ के फैसले पर रोक
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालयों से संबद्ध डिग्री कालेजों केअध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के एकलपीठ के फैसले पर रोक लगा दी है. एकलपीठ ने राज्य सरकार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के रेग्यूलेशन के अनुसार तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था. इसकी वैधता को सरकार ने विशेष अपील में चुनौती दी थी. कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले चंद्र मोहन ओझा और 21 अन्य अध्यापकों से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. इसके बाद राज्य सरकार को चार हफ्ते में प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया है. अपील की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी.

अध्यापकों को सरकार की अपील का जवाब दाखिल करने के निर्देश
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए दिया है. सरकार का कहना है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2010 मे रेग्यूलेशन संशोधित किया और अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 65 वर्ष कर दी. जिसे राज्य सरकार ने 31 दिसंबर, 2010 को आंशिक रूप से अपनाया है. किंतु जबतक विश्वविद्यालय अपनी परिनियमावली संशोधित नहीं कर लेते, इसका लाभ उच्च शिक्षण संस्थाओं के अध्यापकों को नहीं मिल सकता है. सरकार का कहना था कि एकलपीठ ने सरकार से जवाब मांगे बगैर निर्देश जारी कर दिया था. इसलिए आदेश रद्द किया जाए.
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