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गुजरात की तर्ज पर यूपी में भी राज्य खेल प्राधिकरण का गठन किया जाएगा
प्रदेश में खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार बहुत जल्द ही गुजरात की तर्ज पर उप्र खेल प्राधिकरण का गठन करने जा रही है। यह प्राधिकरण स्वतंत्र इकाई होगी। इसके लिए खेल विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के साथ ही प्राधिकरण के गठन की कार्यवाही शुरू की जाएगी। प्राधिकरण में निदेशक से लेकर सचिव तक सभी पदों पर खेल क्षेत्र के अनुभवी को ही तैनात किए जाने का प्रस्ताव है। अब तक गुजरात में ही राज्य स्तर पर खेल प्राधिकरण है। ऐसे में राज्य खेल प्राधिकरण गठन करने वाला यूपी देश का दूसरा राज्य बन जाएगा।
बता दें कि इस समय प्रदेश में शासन के अलावा खेल निदेशालय के माध्यम से ही सभी खेल व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के संबंधित कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। वहीं, अब सरकार का मानना है कि प्रदेश में खेल के विकास के लिए एक स्वतंत्र इकाई का होना जरूरी है । ताकि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें बेहतर अवस्थापना सुविधा मुहैया कराई जा सके।
दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में ही अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने यूपी में भी राज्य खेल प्राधिकरण बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसपर मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसी आधार पर खेल विभाग द्वारा खेल प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव तैयार किया है । प्राधिकरण कैसे काम करेगा, इसको लेकर भी विशेषज्ञों से राय लेकर ड्राफ्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही प्राधिकरण के गठन से संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट में रखकर मंजूरी दिलाई जाएगी। इसके बाद प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
अनुभवी खिलाड़ियों के हाथ में होगी कमान
प्रस्ताव के मुताबिक खेल प्राधिकरण की कमान किसी आईएएस या किसी दूसरे संवर्ग के अधिकारियों के हाथ में नहीं होगी। बल्कि इसके निदेशक व सचिव लेकर अन्य उच्च पदों पर खेल क्षेत्र के अनुभवी लोगों की ही तैनाती की जाएगी ।
ये होगा फायदा
सरकार का मानना है कि खेल प्राधिकरण के गठन से खिलाड़ियों को जहां आधुनिक उपकरण, बेहतर खान-पान, प्रशिक्षण, स्पोर्टस मेडिसिन सेंटर जैसे तमाम उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलेंगी, वहीं लखनऊ, सैफई और गोरखपुर स्पोटर्स कॉलेजों को प्राधिकरण से जोड़कर उसके सुविधाओं में इजाफा किया जा सकेगा । इसके अलावा खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन आदि के लिए सरकार पर निर्भरता से मुक्ति मिलेगी।