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गोरखपुर: गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन पर स्थित ताल नदोर में प्रस्तावित वेटनरी कॉलेज के लिए चिन्हित 80 एकड़ जमीन को विशेषज्ञों की टीम ने मंजूरी दे दी है. 80 एकड़ में प्रस्तावित वेटनरी कॉलेज की बिल्डिंग निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी कार्यदायी संस्था होगी. जल्द ही बिल्डिंग निर्माण के लिए टेंडर भी जारी कर दिया जाएगा. वेटनरी कॉलेज के लिए 650 करोड़ रुपये पहले ही अवमुक्त हो चुके हैं.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान केंद्र मथुरा के अधिष्ठाता डॉ. पीके शुक्ला, निदेशक क्लीनिक आरपी पांडेय, अपर निदेशक डॉ. जीके सिंह की टीम ने ताल नदोर में चिन्हित जमीन को देखा. उनके साथ पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन अरविंद कुमार, आर्किटेक्ट विवेक सक्सेना और नोडल अधिकारी डॉ. संजय श्रीवास्तव भी मौके पर मौजूद थे. जमीन को लेकर विशेषज्ञों की टीम संतुष्ट दिखी. टीम के सदस्यों ने बताया कि जमीन फोरलेन के बगल में है. जमीन समतल होने से बाढ़ का भी खतरा नहीं है.
पांच साल से चल रही थी जमीन की तलाश
वर्ष 2018 से ही कालेज के लिए जमीन की तलाश चल रही है. इसी चक्कर में बजट 325 करोड़ रुपये से बढ़कर 650 करोड़ रुपये हो गया है. नए रिसर्च के साथ पशुपालकों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
यह वेटनरी कॉलेज पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान केंद्र मथुरा से संबद्ध होगा. शुरू में यहां 80 सीटें होंगी, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है. प्रदेश के भीतर मथुरा में विवि के अलावा मेरठ, फैजाबाद व बीएचयू वाराणसी में वेटनरी मेडिकल कॉलेज हैं. कालेज परिसर में चारागाह, डेयरी फार्म, बकरी व भेड़ फार्म एवं पोल्ट्री फार्म भी बनाए जाएंगे. डेयरी प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रसंस्करण केंद्र निर्मित होगा. यहां इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली की तरह कई तरह के रिसर्च हो सकेंगे.
टीम जमीन को लेकर संतुष्ट है. टीम की रिपोर्ट के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मिट्टी का टेस्ट भी हो चुका है. टेंडर की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी.
डॉ. संजय श्रीवास्तव,
नोडल अधिकारी, वेटनरी कॉलेज