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लखनऊ हादसे में सपा प्रवक्ता की माँ और पत्नी की मौत, मेरठ के सपा विधायक का बेटा गिरफ्तार
लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में मंगलवार रात गिरी एक रिहायशी इमारत के मलबे से अब तक 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है जबकि गंभीर रूप से घायल दो महिलाओं की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी। इस मामले में मेरठ के सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश मंजूर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिये एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी को अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह में देने के निर्देश दिये गये हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतकों की पहचान समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां बेगम हैदर और उनकी पत्नी उज्मा अब्बास के रूप में हुई है। दोनों महिलाओं को सुबह घटनास्थल से बचा लिया गया मगर अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी प्रवक्ता की मां और पत्नी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, " सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां बेगम हैदर और पत्नी उजमा अब्बास के निधन से बेहद दुखी हूं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। भावपूर्ण श्रद्धांजलि।"
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीएस चौहान ने कहा कि वजीर हसन रोड पर गिरी इमारत के मलबे से 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके अलावा दो लोगों को सुबह करीब पांच बजे सुरक्षित बचा लिया गया और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने कहा, " एक महिला बेगम हैदर (85) की अस्पताल पहुंचने के बाद मौत हो गई।"
उन्होंने बताया कि मलबे को हटाने में काफी एहतियात बरती जा रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमे लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगी है। मलबे में फंसी एक महिला को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। बचाव टीम को मलबे में दो और लोगों के फंसे होने की जानकारी मिली है जिनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
श्री चौहान ने कहा कि हादसे के कारणों की पड़ताल के लिये संभागीय आयुक्त रोशन जैकब, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) पीयूष मोर्डिया और पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता सहित तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। बचाव अभियान में एनडीआरएफ की कुल 12 और एसडीआरएफ की 12 टीमें लगी हुई हैं. इसके अलावा पीएसी की चार कंपनियां कानून व्यवस्था के लिए तैनात की गई हैं।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आज फिर सिविल अस्पताल का दौरा किया और वहां भर्ती लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
गौरतलब है कि मंगलवार देर शाम वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट के ढह जाने से कई लोग मलबे में दब गए थे। शुरुआत में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा था कि मलबे से तीन शव बरामद किए गए हैं, हालांकि बाद में डीजीपी चौहान और प्रधान सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने दावा किया था कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुयी है।
इसी बीच लखनऊ में बिल्डिंग हादसे के बाद मेरठ के किठौर के सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके बाद एसओजी की टीम नवाजिश को लेकर लखनऊ गई। मेरठ में इससे शाहिद मंजूर समर्थकों में खलबली मची हुई है। इस अपार्टमेंट की जमीन पूर्व कैबिनेट मंत्री और मेरठ के किठौर से सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक के नाम है। लखनऊ से फोन कॉल आते ही मेरठ में पुलिस सक्रिय हो गई और शाहिद मंजूर के जली कोठी स्थित आवास की घेराबंदी कर ली गई। मेरठ एसओजी ने नवाजिश को हिरासत में ले लिया। इसके बाद एसओजी कार्यालय में नवाजिश से एसपी क्राइम अनित कुमार ने जमीन और अपार्टमेंट के बारे में जानकारी ली। देर रात ही एसओजी टीम नवाजिश को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई।
लखनऊ के अपार्टमेंट का निर्माण यजदान बिल्डर ने कराया है। इसके बाद अपार्टमेंट के 12 में से दस फ्लैट बेच दिए गए और दो फ्लैट शाहिद मंजूर के पास है। इनमें से एक फ्लैट में शाहिद मंजूर की बेटी अपने परिवार के साथ रहती थी। फ्लैट की मरम्मत करने के बाद उसकी बेटी फिलहाल दूसरी जगह शिफ्ट हो गई। मेरठ में पुलिस ने शाहिद मंजूर के परिवार को बिना अनुमति शहर नहीं छोड़ने का नोटिस दिया है। शाहिद मंजूर के भतीजे तारिक की धरपकड़ के लिए पुलिस कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है। इस घटना के बाद से शाहिद मंजूर के मेरठ स्थित आवास और किठौर आवास के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। गौरतलब है कि नवाजिश इससे पहले जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत चुका है।
इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गयी है। इस जांच कमेटी में लखनऊ की मण्डलायुक्त डा. रोशन जैकब, संयुक्त पुलिस आयुक्त लखनऊ पीयूष मोर्डिया एवं चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी लखनऊ शामिल हैं। यह समिति इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को चिन्हित कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देगी। गिरी हुई बिल्डिंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अब भी जारी है। घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।