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उत्तर प्रदेश
सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने किया नामांकन, अखिलेश ने रिकॉर्ड मतों से जीत का किया दावा
Shantanu Roy
15 Nov 2022 11:10 AM GMT
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बड़ी खबर
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) की उम्मीदवार डिंपल यादव ने मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिये अपना नामांकन पत्र सोमवार दोपहर बाद दाखिल कर दिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल की रिकॉर्ड मतों से जीत का दावा किया। नामांकन के समय डिंपल के साथ उनके पति और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव और मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव मौजूद थे।
डिंपल को पूरा वोट मिल जाए तो यह नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी: अखिलेश
नामांकन से पहले डिंपल ने पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिये। नामांकन करने से पहले डिंपल ने कहा कि वह मुलायम सिंह यादव के सिद्धांतों और मूल्यों को अपना आज का नामांकन समर्पित करती हैं। डिंपल यादव के प्रस्तावकों में सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य, राजनारायण बाथम, ए.एच. हाशमी और तेज प्रताप यादव शामिल रहे। अखिलेश यादव ने डिंपल के नामांकन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा ''यह चुनाव ऐसे समय हो रहा है जब नेताजी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) हमारे बीच नहीं हैं। नेताजी मैनपुरी की जनता के आशीर्वाद से आगे बढ़े और आज मैं यहां की जनता से अपील करूंगा कि नेताजी के दिखाये गये रास्ते पर आगे बढ़ें।'' उन्होंने कहा ''डिंपल यहां से सपा प्रत्याशी हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि जिस तरह से यहां के लोगों ने नेताजी के नाम पर हमारा सहयोग किया, उसी तरह वे डिंपल को भी रिकॉर्ड मतों से जिताएंगे। डिंपल को पूरा वोट मिल जाए तो यह नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।''
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि नेताजी मैनपुरी को विकास के रास्ते पर लेकर चले। इस सवाल पर कि क्या वह पूर्व की परंपरा के विपरीत मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में खुद प्रचार करेंगे, अखिलेश ने कहा ''मैं चुनाव प्रचार के दौरान यहीं पर रहूंगा। मैं जब से यहां आया हूं तब से चुनाव प्रचार ही कर रहा हूं।'' गौरतलब है कि अखिलेश ने पिछली जून में हुए आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में खुद प्रचार नहीं किया था। सपा को इन दोनों ही सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा था। अखिलेश ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव की भूमिका के बारे में पूछे गये एक सवाल पर कहा, ''पूरा परिवार एकजुट है। हम सभी चुनाव के दौरान प्रचार करेंगे। सपा की ऐतिहासिक जीत होगी।''
इस बीच, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव को डिंपल के नामांकन में आना था, लेकिन वह नहीं आ सके, वह कहीं फंस गये होंगे मगर परिवार एकजुट है। भाजपा द्वारा रामपुर में पसमांदा मुस्लिम समाज का सम्मेलन आयोजित किये जाने के बारे में पूछे गये सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि पूरा देश जानता है कि भाजपा ने रामपुर में क्या किया। भाजपा की शह पर प्रशासन ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं को वोट ही नहीं डालने दिया। यादव मतदाताओं के बाहुल्य वाले मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में शाक्य, मुस्लिम और दलित मतदाताओं की भी खासी तादाद है। इस सीट के लिए उपचुनाव पांच दिसंबर को होगा और नतीजे आठ दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और 17 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है।
मैनपुरी संसदीय सीट 10 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी। मैनपुरी लोकसभा सीट पर 1996 से सपा के उम्मीदवार चुने जाते रहे हैं। डिंपल यादव 2019 में कन्नौज से भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और हार गई थीं। मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं- मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने करहल, किशनी और जसवंत नगर सीट पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने मैनपुरी और भोगांव सीट पर जीत हासिल की।
भाजपा ने अभी तक इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जबकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस, बसपा और शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपीएल) चुनाव लड़ेंगी या नहीं। वर्ष 2019 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य से 94,000 मतों के अंतर से मैनपुरी सीट से चुनाव जीता था। अखिलेश की करहल विधानसभा सीट, मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इसी तरह जसवंत नगर सीट का शिवपाल यादव प्रतिनिधित्व करते हैं।
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