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फाइल फोटो
ग्राम प्रधान चुने जाने के सवा साल के भीतर ही प्रधानी जाने की नौबत आ गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ग्राम प्रधान चुने जाने के सवा साल के भीतर ही प्रधानी जाने की नौबत आ गई है। जी हां, करीब 250 ग्राम प्रधानों की प्रधानी जल्द ही चली जाएगी। यह नहीं इन ग्राम पंचायतों में तैनात कंप्यूटर आपरेटर और मनरेगा की मजदूरी से जुड़े ग्राम रोजगार सेवक की नौकरी भी जाएगी। अभी छह महीने पहले ही इन कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती की गई है।
ऐसा प्रदेश सरकार द्वारा पिछली कैबिनेट बैठक में 18 नई नगर पंचायतों के गठन और 20 मौजूदा नगर पंचायतों के सीमा विस्तार का फैसला करने के कारण हो रहा है। जल्द ही प्रदेश की करीब 250 ग्राम पंचायतों का वजूद खत्म हो जाएगा। पिछले साल अप्रैल-मई में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव हुए थे और उसके बाद जून में ग्राम पंचायतों का गठन हुआ था। प्रदेश सरकार द्वारा नई नगर पंचायतों के गठन और सीमा विस्तार के निर्णय के बाद खत्म होने वाली इन ग्राम पंचायतों के प्रधान, कम्प्यूटर आपरेटर और ग्राम रोजगार सेवक सबकी चिन्ता बढ़ गई हैं।
ब्लाक प्रमुख की जा रही प्रमुखी
आजमगढ़ में तो मार्टिनगंज ब्लाक के प्रमुख की प्रमुखी इस फैसले की वजह से जा रही है। यह ब्लाक प्रमुख जिस ब्लाक से क्षेत्र पंचायत सदस्य चुना गया था, वह ब्लाक अब नई नगर पंचायत में शामिल होने जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार करीब पांच से सात ग्राम पंचायतों को मिलाकर नई नगर पंचायत बनेगी। सीमा विस्तार की वजह से भी करीब सवा सौ ग्राम पंचायतें खत्म होंगी। कुछ प्रभावित ग्राम प्रधान इस निर्णय के खिलाफ अदालत की शरण लेने की भी तैयारी कर रहे हैं। पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन ने भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है।
संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा का कहना है कि अगर राज्य सरकार को यही करना था तो सवा साल पहले इन ग्राम पंचायतों में चुनाव नहीं करवाना था। बताते चलें कि पंचायतीराज विभाग ने भी नई नगर पंचायतों के गठन व कई नगर पंचायतों के सीमा विस्तार के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज करवाई थी।
38 निकायों में वार्ड गठन के लिए नए सिरे से परिसीमन
प्रदेश के 38 निकायों में वार्ड गठन के लिए नए सिरे से परिसीमन होगा। नगर विकास विभाग इसके लिए जल्द ही शासनादेश जारी करने वाला है। वार्ड गठन के बाद इसके आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में 18 नई नगर पंचायतें बनाने के साथ ही 20 निकायों का सीमा विस्तार किया है। प्रदेश में नवंबर 2022 में निकाय चुनाव प्रस्तावित है। इसके लिए नव गठित और सीमा विस्तार वाले निकायों में नए सिरे से परिसीमन कराया जाएगा। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार परिसीमन कराते हुए वार्डों का गठन किया जाएगा।
10 हजार तक की आबादी पर 10 वार्ड बनाए जाएंगे। इसके बाद 2500 की आबादी पर एक वार्ड बढ़ाया जाएगा। वार्डों के गठन के बाद इस पर सात दिनों के अंदर आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसके पहले सीमा विस्तार होने वाले 151 निकायों में वार्ड गठन का काम पूरा कराया जा चुका है।
सफाई कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी
पंचायतीराज निदेशक अनुज झा ने राज्य सरकार के फैसले पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया। इतना जरूर कहा कि इस निर्णय से जो ग्राम पंचायतें खत्म होंगी, उनमें कार्यरत पंचायत सफाई कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी बल्कि उन्हें दूसरी जगह समायोजित कर दिया जाएगा। यही नहीं ऐसी खत्म होने वाली ग्राम पंचायतों को मिले बजट का सदुपयोग करने का भी पूरा अवसर दिया जाएगा।
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